गोरखपुरः जिले की 9 विधानसभी सीटों में खजनी दूसरी सुरक्षित विधानसभा सीट है. बीजेपी के सदल प्रसाद पिछले चार बार से विधायक रहे हैं. मौजूदा कार्यकाल इनके लिए भले ही अच्छा हो, लेकिन जनता की नजर में ये पूरी तरह से लापरवाह और गायब चलने वाले विधायकों की श्रेणी में उठ खड़े हुए हैं. विधानसभा क्षेत्र की खस्ताहाल सड़क विधायक के विकास को पंचर कर रही है. इसलिए कहा जा रहा है कि इस सुरक्षित विधानसभा सीट पर सुरक्षित यात्रा करना लोगों के लिए खतरनाक हो गया है.
अगर मुख्य मार्ग को छोड़ दिया जाए तो खजनी तहसील ब्लॉक मुख्यालय को कनेक्ट करने वाली सड़कें, गांव को जोड़ने वाली सड़कें अधिकांश जर्जर ही हैं. इस विधानसभा क्षेत्र से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे कुछ हिस्सों को छूते हुए निकल रही है. जिससे किसानों को मुआवजे के रूप में अच्छी धनराशि मिली है. लेकिन बाकी किसानों को मंडी से लेकर उद्योग सब दूर की कौड़ी हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर रमापति राम त्रिपाठी का भी मूल निवास है. फिर भी इस क्षेत्र की न तो कभी बदहाली दूर हुई और न ही कोई ऐसी बड़ी उपलब्धि जिससे खजनी को जाना जा सके.
विधायक संत प्रसाद कहते हैं कि बीते 4 साल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य कराए हैं. जिसका सीधा लाभ जनता को मिल रहा है. घाघरा नदी की धारा मोड़ने का सीएम योगी से अनुरोध किया था. जो कटेया से जिगनिया शाहपुर तक 60 करोड़ की लागत से हुआ. बंधों पर बोल्डर, पिचिंग का कार्य हुआ. जिसकी वजह से 30 गांव आज बाढ़ से मुक्त हैं.
कोरोना को देखते हुए हरनही सीएचसी पर ऑक्सीजन प्लांट लगवाया गया. बनकटा घाट पर पक्के पुल का निर्माण कराया गया. उनके क्षेत्र के गड़ौना में विद्युत उप केंद्र की स्थापना हुई. सिकरीगंज-बेलघाट मार्ग का चौड़ीकरण हुआ. हरिहरपुर में वनवासी आश्रम की स्थापना हुई. जिसका सीधा लाभ जनता को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ योजनाएं कोविड-19 की वजह से प्रभावित हुई हैं. फिर भी विधानसभा क्षेत्र में ऐसे बहुत कार्य हुए हैं, जो क्षेत्र की जनता को लाभ पहुंचा रहे हैं. उनके खिलाफ बोलने वाले लोग कहीं न कहीं विरोधी दलों से जुड़े हुए लोग हैं. इसलिए उन्हें खजनी में हुआ विकास दिखाई नहीं देता.