गोरखपुरः जिले का कैंपियरगंज विधानसभा क्षेत्र एक ऐसा चुनावी क्षेत्र है. जहां के लोगों की सबसे बड़ी समस्या बाढ़ की होती है. जिससे लोग काफी परेशान होते हैं. चुनावी दृष्टिकोण से देखें, तो नेताओं द्वारा विकास के जो भी वादे किए जाएं, लेकिन यहां की जनता के लिए मुद्दा मौजूदा विधायक फतेह बहादुर सिंह से बढ़िया प्रत्याशी के होने की होती है. ये मुद्दा पूरे चुनाव में हावी रहता है. जिसका नतीजा है कि फतेह बहादुर सिंह वर्तमान में बीजेपी के विधायक तो हैं, लेकिन पिछले 30 सालों से वो लगातार विधायक होते आए हैं.
विधायक फतेह बहादुर सिंह 2 विधानसभा सीटों का प्रतिनिधित्व किया है. 1991 से लेकर 2007 तक वो पनियारा विधानसभा सीट से विधायक थे. परिसीमन के बाद बनी कैम्पियरगंज विधानसभा सीट से इन्होंने 2007 का चुनाव बहुजन समाज पार्टी से जीता और तत्कालीन मायावती की सरकार में वन पर्यावरण एवं जंतु उद्यान मंत्री बनाए गए. 2012 के चुनाव में बसपा ने उनका टिकट काट दिया तो एक तरह से इन्होंने निर्दलीय चुनाव भारी मतों से जीतने में कामयाबी हासिल की. सिंबल के तौर पर इन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के घड़ी निशान को अपनाया था.
इस चुनाव में प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इन्हें हराने के लिए खूब जोर आजमाइश किया. लेकिन बीजेपी का प्रत्याशी बृजेश यादव चुनाव हार गये. जब 2017 का विधानसभा चुनाव आया, तो फतेह बहादुर सिंह की योगी से निकटता बढ़ गयी. यह बीजेपी के सिंबल पर सवार होकर भारी मतों से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच गए. हालांकि योगी के मुख्यमंत्री बनने से यह हैवी मंत्री बनते बनते रह गए. मंत्रिमंडल से तो यह चूक गए, लेकिन अपना राजनैतिक कद इन्होंने हल्का नहीं होने दिया. जिले में 2 महीने पहले हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में इन्होंने अपनी पत्नी साधना सिंह को निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बना दिया. फतेह बहादुर सिंह कि अपनी जो भी काबिलियत हो. लेकिन उसके साथ उनके पिता का नाम भी जुड़ा है, जो पूर्वांचल के विकास पुरुष कहे जाते थे. जिनका नाम पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह है. यह 2017 के चुनाव के बाद प्रोटेम स्पीकर भी बनाये गए थे.
निर्वाचन आयोग के रिकॉर्ड में ये क्षेत्र 324 विधानसभा क्षेत्र के नाम से दर्ज है. शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार हर विधानसभा क्षेत्र का मुद्दा होता है. इस क्षेत्र में भी यह मुद्दा रहता है. जिसको दूर करने की बात वर्तमान विधायक करते हैं. वह कहते हैं कि उन्होंने अपने कार्यकाल में 400 करोड़ से अधिक की सड़कें बनवाई हैं. डोमिनगढ़, खड़खड़िया और बढ़या-ठाठर पुल भी बनवाकर लोगों को आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराया है. अपनी निजी भूमि पर स्टेडियम बनवाकर युवाओं को खेलने-कूदने का मौका दिया है. आईटीआई के भी नए संभाग खोले गए हैं. उन्होंने कहा कि दो-दो राजकीय इंटर कॉलेज और डिग्री कॉलेज का निर्माण कराकर क्षेत्र में शिक्षा की व्यवस्था बढ़ाई गई है.