उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

मेरठ: 4 आशा वर्कर में मिला डेल्टा प्लस वैरिएंट

By

Published : Jun 25, 2021, 1:22 PM IST

Updated : Jun 25, 2021, 6:52 PM IST

उत्तर प्रदेश के मेरठ (Meerut) जिले में 4 आशा वर्कर में डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला है. डेल्टा प्लस के बारे में चिकित्सकों का कहना है कि दूसरी लहर में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने कहर मचाया था. डेल्टा प्लस उसी डेल्टा वैरिएंट का ही बदला स्वरूप है.

मेरठ
मेरठ

मेरठः कोरोना की दूसरी लहर कहर मचाने के बाद कुछ थमी और देश अनलॉक की ओर बढ़ना शुरू हुआ तो कोरोना के दूसरे स्वरूप डेल्टा प्लस वैरिएंट की दहशत अब लोगों में बैठनी शुरू हो गई. मेरठ (Meerut) में 4 आशा वर्कर में डेल्टा प्लस वैरियंट मिलने से सनसनी मची गई. डेल्टा प्लस वैरिएंट के एक साथ 4 केस मिलने से चिकित्सा विभाग में हलचल मची हुई है. जिन 4 आशा वर्कर में डेल्टा वैरिएंट मिले हैं. वे बिजौली गांव में तैनात हैं. इनके सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए पुणे लैब भेज दिए गए हैं. वहीं, डेल्टा प्लस के बारे में चिकित्सकों का कहना है कि दूसरी लहर में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने कहर मचाया था. डेल्टा प्लस उसी डेल्टा वैरिएंट का ही बदला स्वरूप है, जो कि डेल्टा से कई गुना घातक है.

स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलोजी लैब के जरिए 200 सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे हैं. इस बारे में सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन का कहना है कि जिले में डेल्टा प्लस वैरिएंट कहीं भी संक्रमित हो सकता है. जिले के विभिन्न हिस्सों में मिले मरीजों का सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पुणे भेजा गया है. मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलोजिस्ट डॉ. अमित गर्ग ने बताया कि डेल्टा वैरिएंट देश में पहले से है. इसी के चलते दूसरी लहर में इतनी तबाही मची थी लेकिन इसमें बदलाव होना खतरनाक है. यह बदलाव अब डेल्टा प्लस के नाम से जाना जा रहा है. मेडिकल के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर एसके गर्ग का कहना है कि मोनोकोनल एंटीबाडी इस पर काम नहीं करती है. वायरस के स्पाइक प्रोटीन में बदलाव से कोशिकाओं में तेज प्रवेश करता है.

जिले में अब कोरोना को लेकर हालात काफी नियंत्रण में हैं. पिछले 24 घंटे में जिले में 13 मरीजों में वायरस मिला है. इलाज के दौरान 1 मरीज की मौत हुई है. 41 मरीजों को भर्ती किया गया है, जबकि 67 होम आइसोलेशन में हैं. अभी जिले में 160 एक्टिव मरीज हैं. ब्लैक फंगस वार्ड के मरीज तेजी से कम हो रहे हैं. गंभीर मरीज भी ठीक होकर डिस्चार्ज हुए.


इसे भी पढ़ेंः लावारिस पड़े बैग को खोला तो रह गए हैरान, मिले 106 कछुए

Last Updated : Jun 25, 2021, 6:52 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details