गोरखपुर: शहर के होटल, रेस्टोरेंट में खाना खाने जा रहे हैं या फिर किसी भी दुकान से सामान लेने जा रहे हैं, तो सावधान रहिए. यहां का स्वाद बेहतर हो सकता है, लेकिन खाने की क्वालिटी बेस्ट होगी इसकी कोई गारंटी नहीं है. फूड विभाग की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है. जिले में पिछले दिनों लिए गए फूड सैंपलिंग की जांच के बाद जो नतीजे निकलकर सामने आए हैं वह चौकाने वाले हैं. 268 सैंपल में जांच में बेहद खराब गुणवत्ता पाई गई है.
खाद्य सुरक्षा विभाग जिले के होटल और रेस्टोरेंट के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ इनके मेन्यू व किचन को नए सिरे से जांच की प्रक्रिया में जोड़ने जा रहा है. मानक विहीन खाद्य सामग्री परोसे जाने पर होटल और रेस्टोरेंट के खिलाफ जुर्माने की भी कार्रवाई की गई है लेकिन, यह बड़े स्तर की नहीं है. गौरतलब है कि साल 2022-23 में खाद्य सुरक्षा विभाग ने होली और दिवाली के मौके पर होटल, रेस्तरा और दुकानों से खाने के सैंपल लिए थे, इनमें से 268 सैंपल जांच में मानक विहीन मिले हैं.
इस बारे में सहायक आयुक्त फूड एंड सेफ्टी कुमार गुंजन ने बताया कि खाद्य सुरक्षा विभाग की तरफ से होटल, रेस्तरा और ढाबा पर मिलने वाले खाद्य पदार्थों की हाइजीन रैंकिंग कराई जाती है. खाने की क्वालिटी को भी चेक किया जाता है. इसके लिए विभाग त्योहारी सीजन में दुकानों, होटल और रेस्टोरेंट से फूड सैंपल लिए थे, जो बड़ी संख्या में मान के विपरीत पाए गए हैं. जिसमें दुकानों और रेस्टोरेंट संचालकों को जुर्माना लगाया गया है. वहीं, दोबारा ऐसा न करने की हिदायत दी है. वहीं, दोबारा गलती होने पर जेल भेजने की कार्रवाई की जाएगी.
246 प्रतिष्ठानों पर छापेमारी हुई थी, इनसे 320 प्रतिष्ठानों से सैंपल लिए गए. 434 सैंपल की लैब से आई रिपोर्ट में 190 सैंपल की रिपोर्ट सब्सटेंडर्ड थीं और 7 सैंपल को अनसेफ पाया गया था. वहीं, 66 सैंपल में नियमों का उल्लंघन पाया गया जबकि 261 सैंपल की रिपोर्ट फेल हो गई. इसके बाद 207 मामले कोर्ट में दाखिल किए गए, जिसमें 6 अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चल रहे हैं.