गोरखपुर: जिले में कोरोना संक्रमितों के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं. कोरोना की जद में कमिश्नर, कलेक्ट्रेट और पुलिस कप्तान के ऑफिस के कर्मचारी भी आ गए हैं. करीब 21 पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट पॉजिटव आई है. कमिश्नर के दोनों पीए संक्रमित हो गए हैं. यही वजह है कि शहर में कुल 110 हॉटस्पॉट केंद्र बन गए हैं और यहां की निगरानी भी बढ़ा दी गई है. इस बीच शहर में शुक्रवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 5 बजे तक 55 घंटे का लॉकडाउन लगा दिया गया है. इसका असर भी शहर में देखने को मिला है. सड़कों पर सन्नाटा पसरा है. पुलिसकर्मी ड्यूटी कर रहे हैं. शहर में वही लोग घरों से निकल रहे हैं, जिन्हें डॉक्टर समेत बहुत ही जरूरी काम के लिए जाना है.
गोरखपुर में बनाए गए 110 हॉटस्पॉट्स, 21 पुलिसकर्मी भी कोरोना संक्रमित - death in gorakhpur due to corona
गोरखपुर में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जिले में 21 पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. वहीं गोरखपुर में 110 हॉटस्पॉट्स बनाए गए हैं. इस बीच शहर में शुक्रवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 5 बजे तक 55 घंटे का लॉकडाउन लगा दिया गया है.
कोरोना की वजह से कलेक्ट्रेट, एसपी ऑफिस, कमिश्नरी, सदर तहसील और पुलिस लाइन समेत कई प्रमुख स्थानों को हॉटस्पॉट घोषित करते हुए सील कर दिया गया है. इन स्थानों पर लगातार नगर निगम की टीम सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव कर रही है. शहर के तीन थाना क्षेत्र कोतवाली, तिवारीपुर और राजघाट 8 जुलाई से ही पूरी तरह से सील चल रहे हैं. इन इलाकों में सबसे ज्यादा संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. मौजूदा समय में संक्रमित लोगों का आंकड़ा 957 हो गया है और मरने वालों की संख्या 22 है. 498 लोग अब तक ठीक हो चुके हैं, जबकि 437 का इलाज अभी भी चल रहा है. तीन लोगों की मौत शुक्रवार की रात में ही हुई है, जिसमें शहर का 34 वर्षीय युवा भी शामिल था. यही वजह है कि सड़कों पर पुलिस की गश्त तेज है और हर आने-जाने वाले पर पैनी नजर रखी जा रही है. पुलिसकर्मियों के संक्रमित होने से उनके साथियों में थोड़ा खौफ जरूर है.
कोरोना वार्ड्स फुल
मरीजों की बढ़ती तादाद की वजह से अब बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भी कोरोना वार्ड पूरी तरह फुल हो चुके हैं और क्वारंटाइन सेंटर को वार्ड बनाया जा रहा है. 200 बेड के रेलवे अस्पताल में भी अब जगह नहीं है. इसलिए स्पोर्ट्स कॉलेज के हॉस्टल को कोविड-19 वार्ड के रूप में तब्दील करते हुए मरीजों की भर्ती शुरू हो गई है. इसके अलावा जीडीए की उन कॉलोनीज को वार्ड बनाया जा सकता है जो अभी तक लोगों को आवंटित नहीं की गई हैं. साथ ही संक्रमित क्षेत्रों में घर-घर जाकर जांच की प्रक्रिया बहुत जल्द शुरू होने वाली है. कमिश्नरी और कलेक्ट्रेट ऑफिस से जुड़े हुए हर कर्मचारी की कोविड-19 जांच की जा रही है, जिससे संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.