गोरखपुर: उत्तर प्रदेश में 2022 में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी, सपा और कांग्रेस जैसे बड़े दल जहां घमासान मचाना शुरू कर दिए हैं, वही छोटे-छोटे राजनीतिक दल भी बड़ों के साथ अपना गठजोड़ बनाकर सत्ता में भागीदारी का सपना संजोए बैठे हैं. ओमप्रकाश राजभर की भारतीय सुहेलदेव पार्टी, अनुप्रिया पटेल का अपना दल, इनकी सफलता के बाद ऐसे कई दल मैदान में है.
पिछले दिनों कई दल जहां बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिए वहीं, पूर्वांचल में पिछड़े और दलित समाज के बीच मजबूती के साथ काम कर रही, भारतीय अपना समाज पार्टी किसी भी राष्ट्रीय दलों से गठबंधन न होने की स्थिति में अपने बलबूते पर पूर्वांचल की 50 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजन सिंह सूर्यवंशी ने साफ कहा कि उनका दल कमजोर तबकों को आगे बढ़ाने और राष्ट्रवाद के मुद्दे के साथ देश के विकास की सोच लेकर जनता के बीच काम कर रहा है.
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सुभाष चंद्र बोस को आदर्श मानने वाले भारतीय अपना समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अपने सिर पर उनकी पहचान से जुड़ी टोपी लगाते हैं. उन्होंने कहा कि वह गरीब, किसान परिवार के बीच से आते हैं इसलिए गरीबों का दर्द समझते हैं.
उनका दल अन्याय के खिलाफ लगातार आवाज उठाता है. आरक्षण को लेकर भी उनका दल संघर्ष कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर भी अपना समर्थन जताता है, लेकिन सत्ता में बैठी सरकारों और दलों की नियति साफ नहीं है.
निश्चित रूप से चुनाव को लेकर उनका दल लगातार जनता के बीच है. दलों से गठबंधन की भी बात हो रही है. सहमति बनी तो ठीक नहीं तो अपने बल पर जनता की आवाज उठाएंगे.
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