गोरखपुर : कोरोना की दूसरी लहर ने संक्रमितों की संख्या में एकाएक इजाफा कर दिया है. इससे सरकारी व्यवस्थाएं और प्रदेश सरकार के दावे पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं. ऐसे में तेजी से बढ़ रहे संक्रमितों और आम लोगों की विभिन्न समस्याओं के निदान को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में बनाए गए इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम में तैनात कर्मचारी संक्रमितों और उनके परिजनों द्वारा बेड और ऑक्सीजन की मांग के एवज में सहायता के नाम पर उन्हें घरेलू नुस्खे अपनाने की सलाह दे रहे हैं.
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बता रहे हैं घरेलू नुस्खे
कलेक्ट्रेट परिसर स्थित इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम में विभिन्न विभागों के वर्तमान समय में 30 कर्मचारी कार्यरत हैं. इनको जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाली विभिन्न समस्याओं के निस्तारण के लिए लगाया गया है. ऐसे में संक्रमण की तेजी में लोग जान बचाने के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम में फोन कर बेड, ऑक्सीजन सहित अन्य जरूरी सुविधाओं की मांग कर रहे हैं. वहीं, फुल हो चुके बेडों और ऑक्सीजन की कमी की वजह से अब ये कर्मचारी, मरीजों और उनके तीमारदारों को घरेलू नुस्खे बताकर ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने की सलाह दे रहे हैं.
योग करने की दे रहे हैं सलाह
गुरुवार को इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम का निरीक्षण करने पहुंचे जिलाधिकारी के विजेंद्र पांडियन ने विभिन्न विभागों के कर्मचारियों के साथ बैठक कर विभिन्न समस्याओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की. इसी दौरान इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम में टेबल नंबर-7 पर मौजूद कर्मचारी के मोबाइल पर फोन आता है. फोन करने वाला बताता है कि यदि कोई ऑक्सीजन युक्त बेड हो तो उपलब्ध करा दें. मरीज का ऑक्सीजन लेवल लगातार गिर रहा है.
दूसरी ओर मौजूद कर्मचारी ने इसमें असमर्थता जताते हुए फोन करने वाले व्यक्ति को घरेलू नुस्खे अपनाने की सलाह दी. कर्मचारी ने बताया कि मरीज कपूर के तीन चार दाने, लौंग की 4-5 कलियों के साथ अजवाइन की पोटली बनाकर उसे विक्स की तरह सूघंता रहे. इससे ऑक्सीजन लेवल कंट्रोल होगा. वहीं, मरीज पेट के बल लेट योग के विभिन्न आसनों को करें. इससे उसके स्वास्थ्य में सुधार होगा. फोन करने वाले ने फिर कर्मचारी से बेड और ऑक्सीजन की मांग की लेकिन कर्मचारी उसे बार-बार यही सलाह देता रहा.
बढ़ाए जाएंगे टोल फ्री नबंर
जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन ने बताया कि बड़ी संख्या में लोग प्रतिदिन इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम में फोन कर संक्रमित और विभिन्न समस्याओं के संबंध में अवगत कराते हैं. ऐसे में शिकायत मिल रही थी कि इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम में मौजूद कर्मचारी फोन नहीं उठाते या उनका फोन व्यस्त रहता है. इस समस्या के निदान के लिए अन्य कर्मचारियों के साथ बैठक कर टोल फ्री नंबरों को बढ़ाए जाने का निर्देश दिया गया है. वहीं वर्तमान समय में 30 कर्मचारी कार्यरत हैं. इनकी भी संख्या में 2 गुना से अधिक इजाफा कर 80 कर्मचारियों को नियुक्ति कर दी गई है. इससे अधिक से अधिक कॉल रिसीव कर लोगों की मदद की जा सकेगी.