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सीएम योगी की नाकामियों को जनता तक पहुंचाकर अपनी जीत का रास्ता बनाऊंगी: चेतना पांडे

यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में कांग्रेस ने सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के खिलाफ गोरखपुर सदर सीट (Gorakhpur Sadar Vidhan Sabha) से एक युवा चेहरा चेतना पांडे (Chetna Pandey Gorakhpur) को टिकट दिया है. चेतना पांडेय गोरखपुर विश्वविद्यालय में महिला राजनीति का प्रमुख चेहरा हैं.

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चेतना पांडे

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Published : Feb 14, 2022, 2:14 PM IST

गोरखपुर:यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में गोरखपुर सदर सीट (Gorakhpur Sadar Vidhan Sabha) से कांग्रेस ने सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चेतना पांडे (chetna pandey gorakhpur) को टिकट दिया है. चुनावी मैदान में सीएम योगी के खिलाफ उतरीं चेतना पांडे से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. इस दौरान चेतना पांडे ने यूपी सरकार की खामियों के बारे में जिक्र किया. उन्होंने कहा कि सीएम बनने के बाद भी योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की तमाम ऐसी खामियां हैं, जिससे जनता परेशान है. इन्ही खामियों को दूर करने के लिए वे जनता के बीच जाएंगी और अपनी जीत की राह तैयार करेंगी.

चेतना पांडेय ने अपनी उम्मीदवारी को लेकर हुई देरी पर कहा कि पार्टी में तमाम दावेदार थे. पार्टी ने समीक्षा के बाद उन्हें टिकट देने का फैसला लिया. शायद यही वजह है कि पार्टी को देरी हुई होगी. लेकिन अब उन्हें पार्टी ने जिम्मेदारी सौंपी है तो उसको वह पूर्ण करके दिखाएंगी. उन्होंने कहा कि चेतना पांडेय शहर के लिए कोई नया चेहरा नहीं हैं. छात्र राजनीति से लेकर जन सरोकार के मुद्दों पर वह लोगों के बीच पहुंचती रही हैं. ऐसे में पार्टी को उनसे बेहतर परिणाम की उम्मीद है.

चेतना कहती हैं कि शहर कई तरह की समस्याओं से जूझ रहा है. जल निकासी यहां की बड़ी समस्या है. शिक्षा संस्थानों की मनमानी से हर नागरिक परेशान है. लेकिन, मुख्यमंत्री के शहर में भी यह समस्याएं दूर नहीं हो पाई हैं. इन मुद्दों को लेकर वह चुनाव मैदान में रहेंगी. वह अपने कांग्रेसी साथियों का सहयोग लेकर बेहतर प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगी.

चेतना पांडे

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बताते चलें कि चेतना पांडेय गोरखपुर विश्वविद्यालय में महिला राजनीति का प्रमुख चेहरा हैं. वह छात्रसंघ चुनाव में गोरखपुर विश्वविद्यालय से उपाध्यक्ष चुनी गईं थीं. इसके बाद अपनी तमाम गतिविधियों के साथ काव्य रचना और पाठ को लेकर भी वह विभिन्न मंचों से पहचान बनाने में कामयाब हुई हैं. शायद यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी ने चेतना को योगी आदित्यनाथ के खिलाफ एक युवा नेता के रूप में मैदान में उतारकर अपनी परफॉर्मेंस को बेहतर करने की कोशिश की है.

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