गोरखपुर:कोरोना काल में लोगों की मौत का आंकड़ा तेजी से बढ़ा है. गांव-गांव में लोग अपनों को खो रहे हैं. चौरी-चौरा तहसील क्षेत्र में असमय काल के गाल में समाने वालों का आंकड़ा 100 के पार पहुंच गया है. जिनमें तहसील के तीन वरिष्ठ अधिवक्ता भी हैं. गुरुवार को चौरी-चौरा तहसील के अधिवक्ताओं ने दिवंगत अधिवक्ताओं को श्रद्धांजलि दी और सरकार से पीड़ित परिवारों की मदद करने की अपील की.
चौरी-चौरा तहसील के दिवंगत अधिवक्ताओं को साथियों ने दी श्रद्धांजलि
गोरखपुर में बीते दिनों चौरी-चौरा तहसील के तीन अधिवक्ताओं का निधन हो गया था. जिसके बाद गुरुवार को साथी अधिवक्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. साथ ही तहसील के अधिवक्ताओं ने सरकार से दिवंगत अधिवक्ताओं के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग की.
बेटे की मृत्यु के सदमे से माता-पिता की मौत
पिछले महीने 20 अप्रैल को अचानक चौरी-चौरा बार एसोसिएशन के पूर्व पदाधिकारी संजय उपाध्याय (48 वर्ष) की मौत की खबर आई. अचानक तबीयत खराब होने के बाद उन्हें जिले के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. अधिवक्ता संजय उपाध्याय के आकस्मिक निधन के बाद उनकी मां संयोगिता उपाध्याय (75) और उनके पिता रघुवंश उपाध्याय (78) की भी मौत हो गई.
इसके बाद अधिवक्ता देवेंद्र नाथ त्रिपाठी का निधन हो गया. वे ब्रह्मपुर गांव के पिपरहिया के रहने वाले थे. इसके अलावा तहसील के एक और अधिवक्ता का भी निधन हो गया.
इन लोगों ने जताया शोक
अधिवक्ता अवनीश मणि त्रिपाठी, कमलेश गुप्ता, रमेश यादव, हरिहर प्रसाद, सुभाष पासवान, रामाश्रय यादव, हीरालाल निषाद, महेंद्र निषाद, कन्हैया पांडेय, नरेंद्र सिंह, केपी सिंह, जितेंद्र कुमार, भगवान दास, रामनयन, जेपी आर्या, बलभद्र मिश्र सहित अनेकों अधिवक्ताओं ने दिवंगत अधिवक्ताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया.
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