गोरखपुर:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देशित किया कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) पर तैनात चिकित्सक अपनी तैनाती स्थल पर ही रात्रि निवास (नाइट स्टे) करें. रात में सीएचसी-पीएचसी आने वाले मरीजों के इलाज में कोई असुविधा नहीं आनी चाहिए. प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी चिकित्सकों की तैनाती स्थल पर नाइट स्टे की मॉनिटरिंग कर शासन को रिपोर्ट भेजें. जन स्वास्थ्य की रक्षा सरकार की उच्च प्राथमिकता का विषय है और इसमें किसी भी तरह की कोताही अक्षम्य होगी.
सीएम योगी रविवार सर्किट हाउस में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गोरखपुर-बस्ती मंडल में जेई-एईएस समेत सभी संचारी रोगों के रोकथाम व स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में गोरखपुर के जनप्रतिनिधि, प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व्यक्तिगत उपस्थित थे. जबकि, अन्य छह जिलों के लोग वर्चुअल मोड में. मुख्यमंत्री ने सबसे पहले दोनों मंडलों के सभी जनपदों (गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर व संतकबीरनगर) में जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई), एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के नियंत्रण, डेंगू, चिकनगुनिया आदि रोगों की स्थिति और रोकथाम के लिए उठाए गए कदमों की विस्तार से जानकारी ली.
सीएम मीडिया और पीआर सेल से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने जेई और एईएस के नियंत्रण को लेकर स्वास्थ्य समेत अन्य कई विभागों की सराहना करते हुए कहा कि पांच-छह वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में इस दिशा में काफी अच्छा कार्य हुआ है. जेई और एईएस के मामलों में 98 फीसद से अधिक कमी आई है. इससे मृत्यु दर भी शून्य के करीब है. बहुत जल्द इसका समूल उन्मूलन कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जेई-एईएस पर नियंत्रण को लेकर अंतर विभागीय समन्वयन के मंत्र का आगे भी सतत अनुसरण होते रहना चाहिए.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य संचारी रोगों, डेंगू, चिकनगुनिया आदि को लेकर सतत सतर्कता जरूरी है. संचारी रोगों को पनपने से रोकने के लिए आशा बहनों से संवाद बनाकर लोगों को जागरूक किया जाए. बीमार होने की दशा में त्वरित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं. मरीजों को अस्पताल लाने में सुगमता रहे. इसके लिए 102 व 108 एम्बुलेंस सेवाओं का भी पर्यवेक्षण होना चाहिए. मुख्यमंत्री ने वर्तमान में चल रहे टीबी व फाइलेरिया नियंत्रण अभियान की भी समीक्षा की और कहा कि जागरूकता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए.