गोरखपुर: विजयदशमी के अवसर पर सीएम योगी गोरखनाथ मंदिर में न्यायिक दंडाधिकारी की भूमिका में नजर आएंगे. विजयदशमी की देर रात होने वाली पात्र पूजा में नाथ पंथ के संतों के लिए अदालत लगेगी. अदालत में सीएम योगी बतौर गोरक्ष पीठाधीश्वर संतों की समस्याओं को सुनकर सुलझाएंगे. पारंपरिक पात्र पूजा नाथ पंथ में अनुशासन बनाए रखने के लिए की जाती है, जिसका योगी आदित्यनाथ पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करते हैं.
- परंपरा के अनुसार गोरक्ष पीठाधीश्वर पात्र देवता के रूप में प्रतिष्ठित किए जाते हैं.
- नाथ संप्रदाय के सभी साधु संत और पुजारी पहले पात्र देवता की पूजा करते हैं और दक्षिणा अर्पित करते हैं.
- करीब ढाई घंटे तक चलने वाली इस पात्र पूजा में पात्र देवता दक्षिणा स्वीकार करते हैं, लेकिन अगले दिन सुबह ही वह दक्षिणा साधु-संतों को प्रसाद स्वरूप लौटा दी जाती है.
- सभी संत अपनी शिकायतें पात्र देवता के समक्ष रखते हैं, जिसकी सुनवाई गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ पात्र देवता के रूप में करते हैं.