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सीएम योगी ने वायु प्रदूषण पर जताई चिंता, कहा- सतत विकास के लिए तकनीकी में सुधार और शोध की जरूरत - नासा से प्रदूषण की स्थिति

सीएम योगी (CM Yogi in Gorakhpur) गोरखपुर में पर्यावरण और सतत विकास (Environment and Sustainable Development) पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने पर्यावरण को संरक्षित करने की बात कही. साथ ही उन्होंने प्रदूषण को लेकर चिंता जताई है.

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धुंध से घिरे सीएम योगी

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 3, 2023, 8:57 AM IST

Updated : Nov 3, 2023, 5:20 PM IST

सीएम योगी ने प्रदूषण पर जताई चिंता

गोरखपुर:सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi in Gorakhpur) शुक्रवार को दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे. डीवीएन पीजी कॉलेज में राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया. इसके बाद वह भाजपा क्षेत्रीय स्तर की अनुसूचित वर्ग सम्मेलन में पहुंचे. इस सम्मेलन में उन्होंने जिले के लोगों को करीब 271 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात दी. सीएम योगी ने भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद नई दिल्ली की ओर से पर्यावरण प्रौद्योगिकी और सतत ग्रामीण विकास विषय पर हो रही राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया.

धुंध से घिरे सीएम योगी:सीएम योगी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खुद को प्रदूषण से घिरे होने की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि 'जब वह यूपी से दिल्ली यात्रा पर गए थे. जैसे ही मैं विमान से बाहर निकला, मेरी आंखो में जलन होने लगी. मुझे एहसास हुआ कि यह धुंध का कारण था. वह यह जानने को विवश हुए कि आखिर दिल्ली में इतना प्रदूषण क्यों है? सीएम योगी ने कहा कि 'पर्यावरण को संरक्षित करने के साथ, विकास की सतत प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए आज के दौर में प्रौद्योगिकी का सहारा लिया जा रहा है. लेकिन, मानव कल्याण के कई पहलू इसमें छूट जा रहे हैं. सतत विकास मानव कल्याण के लिए ही समर्पित है. इसलिए, आज के दौर में वही प्रौद्योगिकी सही है, जो विकास की सतह प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के साथ, पर्यावरण संरक्षण में भी अपना अहम योगदान दे'.

मशीनें ऐसी हो जो पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाए:सीएम योगी ने कहा कि 'पृथ्वी पर जल, वायु, जीव, जंतु यह सब पर्यावरण संतुलन से ही मौजूद हैं. प्रौद्योगिकी को तैयार करने वाले मानव का यह कर्तव्य है कि वह ऐसी तकनीक विकसित करें, जिससे मानवीय जरूरतें भी पूरी हो और पर्यावरण को भी नुकसान न पहुंचे. उन्होंने इसका उदाहरण देते हुए कहा कि खेतों में खड़ी फसल को काटने के लिए कंबाइन मशीन तो बना दी गई, लेकिन उसके अवशेष को भी उपयोग में लाने के लिए अगर रैपर का प्रयोग कर लिया जाता तो, यह उस खेत की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में काम कर सकता था, जो पराली जलाने से पर्यावरण को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचता है.

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नासा से प्रदूषण की स्थिति देखी:योगी ने कहा कि वह लखनऊ से जब गाजियाबाद के लिए रवाना हुए तो मौसम साफ था. लेकिन, जैसे ही वह हिंडन एयरवेस पर उतरे इतनी धुंध थी कि उन्हे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. आंखों में जलन सी महसूस होने लगी थी. फिर उन्होंने अपने सहयोगियों से स्मार्टफोन के जरिए नासा से वह तस्वीर देखने को कहा कि जो प्रदूषण की स्थिति को बता सकती थी. योगी ने कहा कि इसके बाद उनके सामने जो तस्वीर देखने को मिली वह काफी भयावह थी. पंजाब, हरियाणा के ऊपर आसमान में बड़े स्तर पर प्रदूषण की स्थिति बनी थी, जो हवा के साथ दिल्ली की तरफ बढ़ रही थी और उसे प्रदूषित कर रही थी.

पर्यावरण की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी: सीएम योगी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट डंडा चलाएं या फिर कोई अन्य संस्था. सबसे पहले हम मानव हैं, तो हमारी जिम्मेदारी है कि हम पर्यावरण की सुरक्षा कैसे करें, इसपर काम करें. उन्होंने कहा कि पर्यावरण शुद्ध है, तभी हम भी सुरक्षित हैं. इसका हमारे पौराणिक ग्रंथ में भी उल्लेख मिलता है. लेकिन, सतत विकास की प्रक्रिया में कहीं-कहीं सिद्धांत पीछे छूट जा रहे हैं. जिसका खामियाजा सबको भुगतना पड़ रहा है. सीएम योगी ने कहा कि आज हर नागरिक यह सोचता है कि उसके घर के सामने और कूड़े कचरे की सफाई नगर निगम करें. वह पॉलिथीन में कचरा सड़क पर फेंकता है. लेकिन, अगर नागरिक और नगर निगम दोनों मिलकर अपने कर्तव्यों का पालन करें तो, विकास के साथ स्वच्छता की प्रक्रिया भी आगे बढ़ेगी और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा.

पहले से कम हुआ गंगा का प्रदूषण: योगी ने कहा कि वर्ष 2016 में यूनाइटेड नेशन ने पूरी दुनिया के लिए सतत विकास का लक्ष्य तय किया था. जिसमें रोजगार, शिक्षा व्यवस्था की बात कही गई थी. उसके लिए 17 मॉडल भी बताए गए थे, जिसमें पर्यावरण संरक्षण हो ऐसा करने को कहा गया था. भारतीय समाज शुरू से पर्यावरण संरक्षण को लेकर सतर्क रहा है. हमारी परंपरा और संस्कृति इसके प्रति हमें जागरुक करती है. लेकिन, हम उसके अनुरूप कार्य नहीं कर पा रहे है. जरूरी नहीं कि यूरोप की टेक्नोलॉजी भारत के लिए अनुकूल हो. गांधी जी दूरदर्शी थे, उन्होंने भी ग्राम स्वराज की बात कही थी. गांव में सभी लोग परस्पर मिलकर रहते थे. उनकी सरकारों पर निर्भरता कम थी. लेकिन, धीरे-धीरे गांव के तालाब, पोखर भी प्रदूषित होते चले गए. इंसेफेलाइटिस और तमाम अन्य बीमारियां जिसके रूप में देखने को मिली है. उन्होंने कहा कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट से पहले गंगा में जितना प्रदूषण था, वह वर्ष 2016 के बाद धीरे-धीरे कम हुआ है. अब उसमें डॉल्फिन मछली तक दिखाई देने लगी है और स्किन की समस्या समाप्त हुई है. योगी ने कहा कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए हमें प्रयास करना होगा. ऐसे प्रोजेक्ट, मॉडल बनाने होंगे जो पर्यावरण, प्रौद्योगिकी और सतत विकास दोनों में सहायक हो सके और दुष्परिणामों को भी रोके.

271 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात दीःमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुबह 10 बजे दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज पहुंचे. उन्होंने यहां भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद नई दिल्ली की ओर से पर्यावरण प्रौद्योगिकी एवं सतत ग्रामीण विकास विषय पर हो रही राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया. गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विकास परियोजनाओं में लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड के 4 प्रोजेक्ट्स , लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड तीन के 8 प्रोजेक्ट्स, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के छह प्रोजेक्ट्स, यूपी प्रोजेक्ट्स कारपोरेशन लिमिटेड के एक प्रोजेक्ट, नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड के 20 प्रोजेक्ट्स और जल निगम ग्रामीण के 50 प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास किया.

शिलान्यास वाले प्रोज्क्ट में 12 की कार्यदायी संस्था यूपी प्रोजेक्ट्स कारपोरेशन लिमिटेड, एक की लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड, एक की सीएंडडीएस (14), एक की यूपी सिडको, चार की पुलिस आवास निर्माण निगम, दो की यूपीसीएलडीएफ, चार की ग्रामीण अभियंत्रण विभाग और 26 की कार्यदायी संस्था नेशनल प्रोजेक्ट्स कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड बतायी जा रही है.

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Last Updated : Nov 3, 2023, 5:20 PM IST

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