गोरखपुर:देश के प्रधानमंत्री द्वारा 7 दिसम्बर को पूर्वी उत्तर प्रदेश के कभी सपना बन चुके तीन बड़े प्रोजेक्ट का उद्घाटन पीएम के हाथों होने जा रहा है, जो पूर्वी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा निवेश है. पिछली सरकारों ने इन जरूरतों को नकारा दिया था. 1990 में खाद कारखाना बंद हो गया था. इस बीच सभी सरकारे इसे खड़ा कर पाने ने असफल रहीं. जिसकी वजह से रोजगार और नौकरी की संभावना पर विराम लग चुका था. पीएम ने 2016 में शिलान्यास किया था और समय सीमा के भीतर यह बनकर तैयार है जो 7 दिसम्बर को पीएम के हाथों राष्ट्र को लोकार्पित होगा.
रोजगार के मिलेंगे नए अवसर
12 लाख से अधिक मीट्रिक टन खाद का यहां से उत्पादन होगा. यह कारखाना खाद के उत्पादन के साथ रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएगा. दूसरी बडी समस्या के निजात का कारण एम्स बनेगा. इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी से हजारों बच्चे काल कवलित हुए जिसमें एम्स बड़ा रोल निभाएगा. इसका उद्घाटन भी पीएम करेंगे.
विपक्ष के लिए था असंभव उसे पीएम मोदी ने किया संभव 1977 में इंसेफेलाइटिस का पता चला जिसका पता पुणे के लैब से चला. किसी भी वेक्टर बॉर्न डिजिज की पहचान के लिए जब सेम्पल लिए जाते थे तो वह भी पुणे जाते थे जांच के लिए, लेकिन अब इन सबकी जांच गोरखपुर में संभव हो जाएगी जिसका लैब ICMR के तहत बनाया गया है. इसका भी उद्घाटन पीएम मोदी करेंगे.
यह सभी चीजें पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ बिहार, नेपाल, वाराणसी क्षेत्र की जनता को बड़ा लाभ मिलेगा. इस आयोजन में आ रहे पीएम मोदी के स्वागत के लिए तैयार है. जो काम विपक्ष के नामुमकिन था उसे मोदी जी ने मुमकिन बनाया है.
सीएम ने कहा कि जो विपक्ष के लिए वोट बैंक था वह हर नागरिक की सुविधा और खुशहाली के लिए मोदी जी ने उपलब्ध कराया है. इस पूरे आयोजन को पूरी भव्यवता के साथ सफल बनाने का कार्यक्रम चल रहा है. 600 एकड़ क्षेत्रफल, एम्स 112 एकड़ में बना है. 8 हजार 600 करोड़ फर्टिलाइजर पर और एम्स पर एक हजार 11 करोड़ और लैब पर 36 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. यह पीएम मोदी के सकारात्मक सोच का परिणाम है.