गोरखपुरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने तीन दिवसीय दौरे पर गोरखपुर पहुंच गए हैं. उनका सबसे पहला कार्यक्रम गोरखपुर विश्वविद्यालय में होगा. यहां पर वह 'नाथ पंथ के वैश्विक प्रदेय' विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे. इस कार्यक्रम में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल को आना था, लेकिन वह नहीं आ रहे. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रुप में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर डीपी सिंह शामिल होंगे. इस कार्यक्रम के आयोजन के पीछे जो मुख्य उद्देश्य है. वह नाथ पंथ की परंपरा, साहित्य, शिक्षा और भारतीय परंपरा को स्थापित करने में नाथ पंत की महत्ता को स्थापित करना और इसे वैश्विक फलक पर विशेष पहचान दिलाना है.
'नाथ पंथ के शब्दकोश' पुस्तक का विमोचन करेंगे सीएम
यह अंतरराष्ट्रीय सेमिनार 20 से 22 मार्च तक 3 दिनों तक चलेगा. इसकी अवधारणा को छह खंडों में विभाजित किया गया है. इसके अंतर्गत 35 तकनीकी सत्र आयोजित होंगे. संगोष्ठी को यादगार बनाने के लिए नाथ पंथ पर दुनिया भर में काम करने वाले विद्वानों से संपर्क साधकर उन्हें संगोष्ठी में ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड़ में आमंत्रित किया गया है. कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से तैयार किए गए 'नाथ पंथ के शब्दकोश' के पहले भाग और 'नाथ संप्रदाय के तीर्थ स्थलों के भौगोलिक चित्रण' दोनों पुस्तकों का विमोचन 20 मार्च को सीएम योगी आदित्यनाथ महाराज के द्वारा होगा. आगे चलकर दोनों का प्रकाशन 7 भाषाओं में किया जाएगा.
संगोष्ठी के लिए 500 पेपर विश्वविद्यालय को मिले हैं. इसमें देश विदेश से 250 लोग शामिल होने आ रहे हैं. कुलपति ने कहा है कि आज जरूरत है कि पूरी दुनिया के साथ नेपाली, बंगाली, उड़िया, दक्षिण पूर्वी क्षेत्र में नाथ पंथ पर उपलब्ध साहित्य को एक सूत्र में बांधा जाए. नाथ पंथ के बहुत से योगियों का अवलोकन किया जाए तो नाथ पंथ से ज्यादा कोई सर्कुलर व्यवस्था नहीं है. इस सेमिनार में आने वालों को समारोह स्थल पर नाथ पंथ को लेकर लगाई गई चित्रकला और पुस्तक प्रदर्शनी बेहद आकर्षित करेंगी, जो विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा तैयार की गई हैं. इसमें नाथ पंथ पर शोध करने वाले पर्यटन और शिक्षा की दृष्टि से इसे महत्वपूर्ण बनाने वाले छात्र भी शामिल होकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.