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गोरखपुर में प्रवेश का कुछ अलग ही अहसास कराएंगे भव्य द्वार, नाथ और बौद्ध संप्रदाय की मिलेगी झलक

गोरखपुर की सुंदरता को बड़ाने के लिये नगर निगम प्रशासन ने गोरखपुर में भव्य और सुंदर प्रवेश द्वार बनाने की योजना बनाई है. इस द्वार पर नाथ और बौद्ध संप्रदाय की इलक देखने को मिलेगी.

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गोरखपुर भव्य द्वार

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Published : Aug 5, 2022, 12:28 PM IST

गोरखपुर:प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के नेतृत्व में गठित हुई भारतीय जनता पार्टी की सरकार में गोरखपुर विकास के नए सोपान को गढ़ रहा है. मुख्यमंत्री इसके लिए खुद जी जान से जुटे हुए हैं. इसमें पर्यटन केंद्रों को विकसित करना और पर्यटकों को भी आकर्षित करना उनका मुख्य लक्ष्य है. इस बात से गोरखपुर में विभिन्न विकास योजनाओं से जुड़े हुए अधिकारी भी परिचित हो चुके हैं. यही वजह है कि, वह मुख्यमंत्री को विभिन्न तरह की योजनाओं से अवगत कराते हैं. ताकि, गोरखपुर में पर्यटकों की आवक बढ़े साथ ही गोरखपुर की सुंदरता में भी चार चांद लगे. ऐसे ही एक नए प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाने में गोरखपुर नगर निगम जुटा हुआ है. जो कि, शहर में प्रवेश के सभी छह प्रमुख मार्गों पर भव्य और सुंदर प्रवेश द्वार बनाकर, गोरखपुर में प्रवेश करने वाले लोगों को एक अद्भुत एहसास कराने की कल्पना को साकार करना चाहता है.


निगम प्रशासन ने नाथ संप्रदाय से जुड़े हुए सभी प्रमुख महंत के नाम पर इसे बनाने का निर्णय लिया है. इसमें विभिन्न शैली के वास्तुकला की झलक भी दिखेगी. इसमें बाबा गोरखनाथ, बाबा गंभीर नाथ, बालक नाथ, दिग्विजय नाथ, चौरंगी नाथ भी शामिल होंगे. कुशीनगर से गोरखपुर में प्रवेश करने वाले गेट भगवान बुद्ध को समर्पित और उनकी झलकियां से भरा हुआ बनाया जाएगा.

इस संबंध में नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने बताया कि, सभी प्रमुख मार्गों पर बनने वाले प्रवेश द्वार की भव्य डिजाइन बनकर तैयार हो चुकी है. यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से चर्चा के उपरांत बनाई गई है. लेकिन इसका प्रेजेंटेशन माननीय मुख्यमंत्री को कराने के बाद ही इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी. उन्होंने उम्मीद जताई है कि, इस परियोजना पर मुख्यमंत्री जी की सहमति मिलेगी. क्योंकि उनके इच्छा के अनुरूप इस कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है. इसके निर्माण में आने वाले करोड़ों रुपए के खर्च को हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड से मिले धन से पूरा किया जाएगा. उन्होने कहा कि, गोरखपुर की पहचान गोरखनाथ मंदिर और नाथ संप्रदाय के संतों के साथ जुड़ी हुई है. इसलिए ऐसे संतों के नाम पर यह द्वार बनेंगे तो पर्यटकों को इनके बारे में जानने की उत्सुकता और बढ़ेगी.

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बता दें कि, लखनऊ की तरफ से आने वाले यात्री जब गोरखपुर की सीमा में प्रवेश करेंगे तो वह बाबा गोरखनाथ द्वार की झलक पाते हुए आगे बढ़ेंगे. इस गेट पर धनुष- बाण का निशान होगा जो लखनऊ से आने वाले लोगों को लक्ष्मण पुरी का अहसास कराएगा. यह प्रवेश द्वार नागर वास्तुकला के आधार पर बनेगा. जैसा कि, गोरखनाथ मंदिर में बनाया गया है. नेपाल की सीमा से आने वाले यात्री गोरखपुर में महंत दिग्विजयनाथ द्वारा को पारकर शहर में पहुंचेंगे. यह उत्तर भारतीय शैली में बना रहेगा. इसमें बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर की भी झलक देखने को मिलेगी.

कुशीनगर से आने वाले लोग जिस द्वार से प्रवेश करेंगे उसका नाम बाबा गंभीर नाथ द्वार होगा. लेकिन इसमें बौद्ध धर्म और कला के डिजाइन देखने को मिलेगी. देवरिया की तरफ से गोरखपुर आने वाले लोगों को महंत चौरंगीनाथ द्वार से प्रवेश मिलेगा. इसके निर्माण में नागर शैली, गुंबद, तोरण और स्तंभों की झलक मिलेगी. वाराणसी की तरफ से आने वाले यात्रियों को महंत बालकनाथ द्वार से शहर की सीमा में प्रवेश मिलेगा.

इसका भी निर्माण उत्तर भारतीय वास्तुकला के हिसाब से होगा. लेकिन प्रवेश द्वार पर हाथी की मूर्तिकला होगी. इसी प्रकार महाराजगंज की तरफ से आने वाले यात्री महंत अवेद्यनाथ द्वार से शहर में प्रवेश करेंगे. यह द्वार हिंदू मंदिर के मेहराब जैसे आकार में निर्मित होगा. साथ ही इसमें बौद्ध धर्म से जुड़ी आकृतियां भी देखने को मिलेगी. निगम की यह योजन धरातल पर उतरती है तो निश्चित रूप से शहर को एक नया आकर्षण मिलेगा.

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