गोरखपुर:नाथपंथ के अधिष्ठाता गुरु गोरखनाथ की तपोभूमि गोरक्षपीठ शक्तिपूजा के लिए तैयार है. नवरात्र की प्रतिपदा गुरुवार 7 अक्टूबर को गोरखनाथ मंदिर में गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपराह्न 5 बजे शक्ति मंदिर में कलश स्थापना करेंगे. इसके साथ ही विशेष अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे. गुरु गोरक्षनाथ, जहां भगवान शिव के अवतार हैं. वहीं नाथपंथी योगी शैव मतावलम्बी हैं, लेकिन गोरक्षपीठ में शिव के साथ शक्ति की आराधना की अद्भुत परंपरा है. मठ के प्रथम तल पर स्थित शक्ति मंदिर में पूरे नवरात्र अनवरत साधना चलती है. नवरात्र की पूर्णाहुति पर राघव अर्थात भगवान राम का राजतिलक करने की परंपरा अन्यत्र नहीं दिखती. विजयादशमी यानी दशहरा पर राघव-शक्ति मिलन में गोरक्षपीठाधीश्वर स्वयं खुद मौजूद रहेंगे.
मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ बताते हैं कि गुरुवार को सीएम योगी आदित्यनाथ दोपहर बाद गोरखपुर आएंगे. नवरात्र प्रतिपदा पर शाम 5 बजे गोरखनाथ मंदिर में परम्परागत कलश यात्रा निकलेगी. मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ की अगुवाई में यह यात्रा मंदिर के परम्परागत सैनिकों की सुरक्षा में निकलेगी. जिसमें सभी पुजारी, योगी, वेद पाठी बालक, पुरोहित एवं श्रद्धालु शामिल होंगे. कलश यात्रा में शिव, शक्ति और बाबा गोरखनाथ के अस्त्र त्रिशूल को मंदिर के मुख्य पुजारी योगी कमलनाथ लेकर चलते हैं. परंपरा के अनुसार त्रिशूल लेकर चलने वाले को 9 दिन मंदिर में ही रहना होता है. भीम सरोवर से जल से मठ के प्रथम तल पर कलश की स्थापना कर सीएम योगी आदित्यनाथ मां भगवती की उपासना करेंगे.
9 दिन व्रत रहते हैं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ
मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया कि मठ में शारदीय नवरात्र में श्रीमददेवीभागवत की कथा एवं दुर्गा शप्तशती का पाठ प्रतिपदा से विजयाशदमी तक हर दिन अपराह्न सुबह एवं शाम 4 बजे 6 बजे तक चलेगा. देवी-देवताओं के आह्वान के साथ पूजन-आरती होती है. अष्टमी की रात्रि 13 अक्टूबर बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ महानिशा पूजन करेंगे. नवरात्र में गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ 9 दिन व्रत रखेंगे. हालांकि मुख्यमंत्री बनने के पहले वह अनवरत नौ दिन की शक्ति की आराधना में मंदिर परिसर से बाहर नहीं जाते थे.