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Guru Purnima 2023 : सनातन धर्म क्या है और क्यों मनाते हैं गुरु पूर्णिमा, सीएम योगी ने पाठशाला लगाकर दिया ज्ञान - Why celebrate Guru Purnima

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर गोरखपुर में अपने गुरु और दादा गुरुओं की पूजा-अर्चना किया. उन्होंने सभी को गुरु पूर्णिमा का महत्व समझाया. साथ ही उन्होंने सभी साधु-संत और अपने अनुयायियों को सत्य सनातन धर्म के बारे में बताया.

सीएम योगी आदित्यनाथ की पाठशाल
सीएम योगी आदित्यनाथ की पाठशाल

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Published : Jul 3, 2023, 3:21 PM IST

गोरखपुरः गुरु पूर्णिमा के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने अपने गुरु और दादा गुरुओं की पूजा-अर्चना की. इसके बाद गोरखनाथ मंदिर पहुंचकर नाथ परंपरा से जुड़े हुए साधु-संतों और अपने अनुयायियों को गुरु पूर्णिमा के महत्व को समझाया. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सनातन धर्म क्या है? उन्होंने इसकी व्याख्या एक छोटी सी कहानी के जरिए की. कहानी शुरू करने से पहले सत्य सनातन धर्म की जयकार करवाया. फिर कहा कि सनातन धर्म है क्या? उसके साथ सत्य क्यों जोड़ दिया गया है.

जो शाश्वत है वही सनातन है
सीएम योगी ने कहा याद रखना हम लोगों को इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना होगा, जो सत्य है वही शाश्वत भी है और जो शाश्वत है वही सनातन भी है. उन्होंने कहा कि हम अपने को सनातन धर्मावलंबी क्यों कहते हैं. जब हनुमान जी लंका में माता सीता की खोज करने जा रहे थे, तो ब्रह्मा जी की प्रेरणा से मैनाक पर्वत सामने आ गया और हनुमान जी से इस बात की याचना करने लगा कि आप इतनी लंबी दूरी तय कर रहे हैं, कुछ देर विश्राम कर लीजिए, तो हनुमान जी ने एक बात कही कि 'राम काज कीन्हे बिनु मोहि कहां विश्राम.' अर्थात जब तक प्रभु श्रीराम का कार्य संपन्न न कर दूं तब तक मैं विश्राम नहीं करूंगा'.

गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के रूप में भी मनाते हैं
इस दौरान योगी ने उपस्थित समूह को बताया कि इस बीच दोनों के बीच वार्तालाप चल रही थी तो सनातन धर्म की भी बात आ गई. सोचिए हजारों वर्ष पहले सनातन धर्म की चर्चा हुई. योगी ने कहा कि अगर हमारे प्रति किसी ने कोई कार्य किया है तो उसके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करना ही हमारा सनातन धर्म है. हम गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं. यही सनातन धर्म और परंपरा है. इसे हम व्यास पूर्णिमा के रूप में भी मनाते हैं. हमारी ऋषि परंपरा में हम उनके जन्मदिन को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं.

योगी की पाठशाला में साधु-संतों का लगा रहा जमावड़ा
योगी इस पाठशाला से पहले अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ और दिग्विजय नाथ की प्रतिमा की पूजा अर्चना की और उनकी आरती उतारी. इसके बाद उन्होंने अपने शिष्यों को आशीर्वाद दिया और तिलक चंदन हुआ. योगी की पाठशाला में प्रदेश सरकार के जल संसाधन मंत्री और पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह भी मौजूद दिखाई दिए. साधु संतों का तो जमावड़ा लगा ही रहा.

गुरु की पूजा-अर्चना के जनता दरबार में शामिल हुए सीएम योगी
गुरु की पूजा-अर्चना करने के बाद योगी अपने दौरे की दिनचर्या में शामिल जनता दरबार में भी शामिल होना नहीं भूले. संस्कृति पर्व की व्यस्तता में भी जारी रही जनसेवा की परंपरा और जनता दर्शन में 400 लोगों की समस्याएं उन्होंनें सुनीं. जनता दर्शन में लोगों से मुलाकात की, उनकी समस्याएं सुनीं और समाधान का आत्मीय भरोसा दिया. जनता दर्शन में अपने परिजनों के साथ आये बच्चों को भी मुख्यमंत्री ने खूब दुलारा. उनकी पढ़ाई के बारे में जानकारी ली और चॉकलेट के साथ खूब पढ़ने, आगे बढ़ने का आशीर्वाद दिया.

बहन का गुरु की भांति ही सम्मान करो

वहीं, मातृशक्ति को सम्मान देने की गोरक्षपीठ की अपनी खास परंपरा का भी योगी ने इस दौरान उदहारण पेश किया. उनसे आशीर्वाद लेने गए जुड़वा भाई-बहन को उन्होंने स्नेह और आशीष तो दिया ही, भाई को संस्कार की यह दीक्षा भी दी कि बहन का गुरु की भांति ही सम्मान करो. उन्होंने भाई से बहन के पांव स्पर्श कराए और आशीर्वाद दिलाया. गुरु पूर्णिमा पर गोरक्षपीठ में शीश नवाने और गोरक्षपीठाधीश्वर का आशीर्वाद लेने नई दिल्ली से रजत अरोड़ा अपनी पत्नी मेघा और जुड़वा बच्चों, बेटी आद्या व बेटा अभव के साथ आए हुए थे. सोमवार सुबह इस परिवार की मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ से मुलाकात हुई.
जुड़वा भाई-बहन पर स्नेह लुटाते हुए सीएम योगी

योगी ने सबको आशीर्वाद तो दिया ही जुड़वा भाई-बहन पर खूब स्नेह भी लुटाया. उन्होंने भाई अभव से प्यार से पूछा, बहन को सम्मान देते हो. उसने हां कहते हुए सिर हिलाया. इस पर सीएम ने कहा कि आज गुरु पूर्णिमा है. बहन को भी गुरु जैसा मानो और पांव छूकर आशीर्वाद लो और अथव ने ऐसा ही किया. उसने बहन आद्या के पांव छूकर हाथ माथे पर लगा लिया. बच्चों के इस स्नेह पर योगी भी मोहित हो गए और दोनों को खूब प्यार व आशीष से सिंचित किया.

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