गोरखपुर:पर्यटन के क्षेत्र में सीएम सिटी भी मजबूती के साथ आगे कदम बढ़ा रही है. जी हां वाराणसी, चित्रकूट और अयोध्या के बाद पूर्वांचल का यह बहुत बड़ा पर्यटन केंद्र बन रहा है. सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की सरकर में जिस तरह की पर्यटन की योजनाएं विस्तार ले रही हैं और अगले 5 साल का प्लान तैयार कर काम किया जा रहा है, वह आने वाले समय में इसे विशेष पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करेगा. नेपाल की राजधानी काठमांडू हो या फिर पटना, लुंबिनी, कुशीनगर सबके बीच यह प्रमुख स्थान पर्यटन के क्षेत्र में बनाता जा रहा है. खास बात यह है कि विदेशी पर्यटकों की संख्या भी यहां बढ़ रही है, जिसकी गवाही आंकड़े दे रहे हैं. स्थानीय लोगों की तो भीड़ हर दिन बढ़ रही है.
पर्यटकों का झुकाव धार्मिक और मनोरंजन वाले स्थलों में दोनों और देखा जा रहा है. चाहे वह ऐतिहासिकता के साथ नाथ पीठ की परंपरा को स्थापित करने वाला गोरखनाथ मंदिर हो या फिर धार्मिक पुस्तकों की छपाई का सबसे बड़े केंद्र गीता प्रेस या गीता वाटिका. इसके अलावा तरकुलहा देवी मंदिर, बुढ़िया माता मंदिर, मुक्तेश्वर धाम मंदिर पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है. भौगोलिक रूप से यह बौद्ध सर्किट को भी जोड़ता है, जिससे इन जगहों को जाने वाले पर्यटक भी एक बार गोरखपुर में रुकते हैं. सूत्रों की मानें तो अभी हाल फिलहाल में शासन स्तर से जिले के धार्मिक महत्व के प्रमुख मंदिरों के जीर्णोद्धार की फिर से कवायद शुरू करने के लिए लिस्ट मांगी गई है. क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रविंद्र कुमार मिश्रा का कहना है कि गोरखपुर में टूरिज्म के क्षेत्र में अपार संभावनाएं बढ़ी हैं. पहले के मुकाबले सैलानियों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है. अगले 5 साल में इसे टूरिज्म के बड़े केंद्र में रूप में विकसित करने की तैयारी चल रही है.