गोरखपुर: निपुण (नेशनल इनिशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विथ अंडरस्टैंडिंग न्यूमरेसी ) भारत अभियान यह एक ऐसा अभियान है, जिसके माध्यम से प्राइमरी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के अंदर पढ़ाई को लेकर जागरूकता और साइंस- मैथ जैसे विषयों में उनकी रुचि, पकड़ का आंकलन किया जाता हैं. बच्चे जहां कमजोर पाए जाते हैं, उस आधार पर एक रिपोर्ट तैयार होती हैं और फिर शिक्षकों, विद्यार्थियों को ट्रेंन करने का काम किया जाता है.
गोरखपुर में इस अभियान का जो परिणाम निकल कर आया है, वो बेहद ही चौंकाने वाला है. साथ ही भविष्य में बेहतर सुधार लाने वाला है. इस शहर के अधिकांश बच्चे साइंस और मैथ में काफी कमजोर पाए गए हैं. जिन्हें इन विषयों में मजबूत और सक्षम बनाने के लिए निपुण अभियान के तहत शिक्षित करने का फैसला लिया गया है. वहीं, शिक्षकों को भी कुछ जरूरी टिप्स दिए जाएंगे जो बच्चों की निपुणता के लिए जरूरी होंगे. शिक्षकों के मार्गदर्शन का काम गुजरात मॉडल के आधार पर होगा. इसमें आईआईटी गांधीनगर के 40 शिक्षक गोरखपुर के शिक्षकों को साइंस और मैथ पढ़ाने का तरीका बताएंगे.
निपुण भारत प्रोजेक्ट के तहत कक्षा एक से 8 तक के बच्चों का सरल एप आंकलन पिछले माह हुआ था. इसमें साइंस और मैथ में बच्चे कमजोर मिले. कक्षा 1 से लेकर आठवीं तक के बच्चों को सरल एप के द्वारा ओएमआर शीट का प्रयोग करते हुए आंकलन किया गया था. इस पूरे अभियान की निगरानी के लिए विकास भवन में निपुण भारत प्रोजेक्ट का केंद्र बनाया गया है. जहां प्रशिक्षित लोग इसकी मॉनिटरिंग करते हैं. बेसिक शिक्षा विभाग इसमें प्रमुख होता है. साथ ही जिले के मुख्य विकास अधिकारी खुद इस परियोजना की निगरानी करते हैं.