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राजघाट पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने उमड़ी व्रती महिलाएं - छठ पर्व 2020

छठ पूजा (chhath puja) के महान पर्व पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने राप्ती नदी के राजघाट तट पर व्रती महिलाओं की भारी संख्या उमड़ी. नदी के दोनों छोर के घाट पर हजारों की संख्या में महिलाएं अपने परिवार के सदस्यों के साथ पूजन की पूरी सामग्री लेकर पहुंची थी.

छठ पूजा पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देती महिलाएं.
छठ पूजा पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देती महिलाएं.

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Published : Nov 21, 2020, 4:01 AM IST

गोरखपुरः छठ पूजा (chhath puja) के महान पर्व पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने राप्ती नदी के राजघाट तट पर व्रती महिलाओं की भारी संख्या उमड़ी. नदी के दोनों छोर के घाट पर हजारों की संख्या में महिलाएं अपने परिवार के सदस्यों के साथ पूजन की पूरी सामग्री लेकर पहुंची थी. सभी महिलाओं ने दीप सजाकर भगवान भास्कर के अस्ताचल रूप के दर्शन के लिए नदी में खड़े होकर प्रतीक्षा करती रहीं. करीब 5 बजकर 27 मिनट पर सूर्य को अस्त होना था. इसके पूर्व सभी व्रती महिलाएं घंटे भर पहले से ही जल में खड़ीं होकर अपनी आराधना सूर्य भगवान को समर्पित कर रही थी.

छठ पूजा पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देती महिलाएं.

कोरोना के खात्मे की भी लोगों ने की भगवान से याचना
इस दौरान हाथ में दीप, माथे पर सिंदूर और आंचल का भी उन्होंने बखूबी ध्यान रखा और अपनी पूजा को पूर्ण किया. पिछले चार दिनों से उनका इस व्रत के लिए पूजा का क्रम चल रहा है. जिसमें आज शाम का समय सबसे महत्वपूर्ण था. अब कल यानि शनिवार की सुबह एक बार फिर यह महिलाएं नदी तट पर आएंगी और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर अपने व्रत को पूर्ण करेंगी.

छठ पूजा पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देती महिलाएं.

पुत्र की प्राप्ति और उसके सुखी, आरोग्य जीवन की कामना करती हैं, लेकिन इस बार तमाम व्रती महिलाओं ने कोरोना जैसी बीमारी के खात्मे की भी भगवान से कामना की. जिससे समाज, परिवार में सुख शांति कायम हो. कुछ महिलाओं ने अपने मायके-ससुराल दोनों पक्षों के सुख समृद्धि की कामना की.

छठ पूजा पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देती महिलाएं.

सूर्य की महिमा के इस व्रत में गोराखपुरिये डूबे
सूर्य की महिमा का यह पर्व गोराखपुरिओं में भी पूरे शवाब पर था. बच्चे-बूढ़े भी घर की महिलाओं की इस तपस्या में साथ नजर आएं. कोई सिर पर पकवान और फल की टोकरी उठा रखा था तो कोई अपनी बूढ़ी मां का सहारा बना था. यह अद्भुत नजारा वास्तव में अद्भुत ही नजर आ रहा था.

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