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2000 का चालान कटा तो हेलमेट पहनकर धरने पर बैठा चायवाला, बोला-माफ हो मनमाना चालान

गोरखपुर में एक चायवाला 2000 का चालान कटने के बाद धरने पर बैठ गया. पुलिस के मनाने के बाद भी युवक धरने से नहीं उठा और चालान माफ करने की मांग पर अड़ा रहा.

धरने पर बैठा चायवाला
धरने पर बैठा चायवाला

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Published : Nov 3, 2022, 4:32 PM IST

गोरखपुर:जिले के नौका विहार पर चाय का स्टॉल लगाने वाले युवक का 2000 का चालान कटा, तो वह चौराहे पर ही हेलमेट लगाए धरने पर बैठ गया. सूचना पर तत्काल कैन्ट थाने की पुलिस पहुंची और युवक को समझाने का प्रयास करने लगी. युवक को इस तरह बैठा देख लोगों की भीड़ जुट गई. इसके बाद युवक ने रोते हुए अपनी बात कही. उसने कहा कि जबतक उसका चालान माफ नहीं होता, तबतक वह धरने से नहीं उठेगा. यह सब तब हुआ जब एडीजी ट्रैफिक अनुपम कुलश्रेष्ठ शहर में है.

जानकारी के अनुसार संतकबीर नगर जिले के रहने वाले मदन मोहन किराए के कमरे में गोरखपुर में रहते हैं. वह रामगढ़ताल के नौकाविहार पर आचार्य टी स्टॉल चलाते हैं. वह रोज 200 से 300 रूपए कमाते है. बुधवार को मदन मोहन बाइक से अंबेडकर चौराहे से गुजर रहे थे. लेन में आगे गाड़िया थी उनके पीछे मदन मोहन भी थे. इसी दौरान उनका 2000 का चालान कट गया.

हेलमेट पहने धरने पर बैठा चायवाला

चालान कटने के बाद इसी अंबेडकर चौराहे पर हाथ में तख्ती लेकर वह धरने पर बैठ गए. इस दौरान मदन मोहन को रोता देख मौके पर भीड़ जुटने लगी. मौके पर कैन्ट की कलेक्ट्रेट चौकी पुलिस, ओटीएमएस के लोग भी आ गए. सभी मदन मोहन को मनाने लगे. इस पर उसने रोते हुए बताया कि वह गरीब परिवार से है, इतनी कमाई नहीं है कि चालान भर सके. उसका 2000 का चालान माफ किया जाए.

युवक का इससे पहले 2 बार 5 हजार का चालान भी कट चुका है. एक बार बिना हेलमेट में चालान कटा था, जिसके बाद उसने हेलमेट वाला चलान जमा किया था. युवक ने कहा कि ट्रैफिक पुलिस उन लोगों का मनमाना चालान काटती है जो बाहरी जिलों जैसे कुशीनगर, देवरिया, महराजगंज, संतकबीरनगर से यहां आते हैं. पीड़ित ने आगे कहा कि ट्रैफिक पुलिस तमाम ऐसे लोगों का यह लोगों का बिना किसी कारण ही चालान काट देती है जब लोगों के पास मैसेज आता है, तो उन्हे पता चलता है और वे लोग परेशान होते है. पीड़ित ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि यातायात पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया जाए कि वह मनमाने ढंग से चालान न काटे. जब लोग बड़ी गलतियां करें तो चालान काटे, तब समझ में आता है. किसी का उत्पीड़न न किया जाए.


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