गोरखपुर: न्याय पंचायत स्तर पर किसान क्लब का होगा गठन - santraj yadav
यूपी के गोरखपुर पहुंचे सहकारी ग्राम विकास बैंक के सभापति ने प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि, सहकारी ग्राम विकास बैंक किसानों को सुलभ रेट पर ऋण उपलब्ध कराते हैं. यह बैंक किसानों को दीर्घकालीन ऋण देने का काम करता है. उन्होंने कहा कि वो किसानों तक पहुंच बनाने के लिए न्याय पंचायत स्तर पर किसान क्लब का गठन करेंगे.
गोरखपुर : आज सहकारी ग्राम विकास बैंक के सभापति संतराज यादव जिले में पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से कहा कि सहकारी ग्राम विकास बैंक किसानों को सुलभ रेट पर ऋण उपलब्ध कराते हैं. यह बैंक किसानों को दीर्घकालीन ऋण देने का काम करता है. उन्होंने कहा कि वो किसानों तक पहुंच बनाने के लिए न्याय पंचायत स्तर पर किसान क्लब का गठन करेंगे. उनका कहना था कि पिछले 24 वर्षों से एक विशेष वर्ग का इस सभापति की कुर्सी पर राज था. जिन्होंने कभी भी बैंक के उत्थान के लिए कोई पहल नहीं की, यहां तक कि अधिकारियों से मुलाकात तक नहीं की. उनका कहना था कि उन्हें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि पिछले कई वर्षों से किसी प्रकार की कोई बैठक या फिर किसानों के बीच जाकर बैंक के बारे में लोगों ने बताने की जहमत तक नहीं उठाई है. लेकिन अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा. किसानों को उनके हक का ऋण उचित मूल्य पर उपलब्ध कराया जाएगा.
संतराज यादव ने सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि यह बैंक जहां सामान्य वर्ग के लोगों को 13.5% पर कृषि या कृषि उपकरण लगाने के लिए ऋण उपलब्ध कराते हैं. वहीं पिछड़े वर्ग को चार से 6% पर ऋण उपलब्ध कराए जाते हैं. साथ ही अनुसूचित वर्ग के लोगों को केवल 2% पर कर्ज उपलब्ध कराता है. उन्होंने कहा कि उन्हें कहने में संकोच नहीं है कि बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार इस बैंक के उत्थान के लिए नहीं किया गया.
संतराज यादव ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की है और संबंधित अधिकारियों से कहा है कि वो गांव के निचले स्तर पर किसान क्लब का गठन करें. इसमें चौपाल लगाकर लोगों को बैंक और उसकी कार्यप्रणाली के बारे में अवगत कराएं. इस चौपाल में वे खुद भी जाएंगे. इसके अलावा अधिकारी और कर्मचारी भी जाएंगे. इससे बैंक का व्यापक प्रचार-प्रसार हो सकेगा. अधिकारियों और कर्मचारियों को भी किसान क्लब में जाकर इसके बारे में लोगों को बताने के लिए कहा है. इससे बैंक की साख भी बढ़ेगी और किसान फसल की उपज के साथ ही कृषि उपकरणों के लिए उचित मूल्य पर लोन पा सकेंगे.