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गोरखपुर: केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय की टीम ने ओडीएफ की जमीनी हकीकत जांची - केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय

यूपी के गोरखपुर में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय की टीम ने दो ग्राम पंचायतों का स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय की टीम ने एसबीएम से जुड़े शौचालय और उसकी गुणवत्ता को भी परखा.

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय की टीम ने ओडीएफ की जमीनी हकीकत जांची

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Published : Oct 19, 2019, 2:24 PM IST

गोरखपुर: जिले में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय के निदेशक (स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण) डॉ. सोनाली घोष के नेतृत्व में केन्द्रीय टीम ने पूर्व में चिंहित भटहट ब्लाक की दो ग्राम पंचायतों बैलों और बरगदही का स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने एसबीएम से जुड़े शौचालय एवं उसकी गुणवत्ता को परखा. इसके साथ ही लाभार्थियों से सवाल-जवाब कर खुले में शौच मुक्त ओडीएफ की जमीनी हकीकत जांची.

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय की टीम ने ओडीएफ की जमीनी हकीकत जांची.

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स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत किया गया निरीक्षण

  • केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय की टीम भटहट ब्लाक की ग्राम पंचायत बैलों के भेड़वाधूस और हरिजन बस्ती पहुंची.
  • इस दौरान टीम ने गांव में डोर टू डोर पहुंचकर एसबीएम के तहत निर्मित शौचालय और उसकी गुणवत्ता का जायजा लिया.
  • लाभार्थियों से सीधे वार्ता कर शौचालय प्रयोग तथा उसके रख-रखाव के बारे में जानकारी ली.
  • टीम ने सर्व प्रथम रेमशा देवी पत्नी राजमन के दरवाजे पर बने शौचालय का जायजा लिया, लेकिन लाभार्थी घर पर मौजूद नहीं थे.
  • इसके उपरांत मीरा देबी पत्नी श्रीकृष्ण, रामभवन पुत्र श्यामदेव कई लाभार्थियों के घर पर बने शौचालय का निरीक्षण किया.

एसबीएम को गांव में बेहतर बनाने पर मंथन
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय निदेशक एसबीएम (ग्रामीण) सोनाली घोष ने गांव निरीक्षण करने के उपरांत ग्राम पंचायत अधिकारी अमरेंद्र प्रताप सिंह से एसबीएम को गांव में बेहतर बनाने पर मंथन किया. उन्होंने पूछा कि ऐसा और क्या किया जाए कि गांव में स्वच्छ भारत मिशन को और बेहतर बनाया जा सके. इस सवाल का जवाब देते हुए अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि ग्रामीणों के अन्दर और जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है.

ग्रामीण साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखते हुए घर से निकलने वाले कूड़े का निस्तारण कूड़ेदान में करें. निदेशक ने पूछा, गांव की सफाई कैसे कराते है. इस सवाल का जवाब देते हुए सचिव ने बताया कि प्रत्येक घर में कूड़ेदान का वितरण किया गया है. घरों से निकलने वाला कूड़ा-कचरा चिह्नित कंपोस्ट गढ्ढा में ले जाने के लिए तीन ठेला और तीन चालकों का बंदोबस्त किया गया है. जो कूड़े-कचरे को कंपोस्ट गढ्ढे में ले जाकर निस्तारण करते हैं.

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