गोरखपुर:बाहुबली हरिशंकर तिवारी और उनके बेटे बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी की कई प्रमुख कंपनियों पर सीबीआई ने छापेमारी की. पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी और उनके बेटे बसपा से चिल्लूपार के विधायक विनय शंकर तिवारी पर गंगोत्री इंटरप्राइजेज के नाम से 1500 करोड़ रुपये के डिफाल्टर होने का आरोप लगा है. इस दौरान सीबीआई ने हरिशंकर तिवारी के गोरखपुर, लखनऊ और नोएडा के ऑफिस पर छापेमारी की. इससे गोरखपुर में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है.
दरअसल, बाहुबली हरिशंकर तिवारी की कई कंपनियों ने राष्ट्रीय बैंकों से लोन लिया था. इन्हीं में से एक गंगोत्री इंटरप्राइजेज ने लोन की रकम को समय से वापस नहीं किया. बैंको का आरोप है कि लोन की रकम को दूसरी जगह निवेश किया गया है. इसे लेकर बैंक ने शिकायत की. इस पर अमल करते हुए सीबीआई ने सोमवार को कंपनी के कई ठिकानों पर छापेमारी की.
बाहुबली मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद के सपनों के महल पर बुलडोजर चलने के बाद अब पूर्वांचल के बाहुबली हरिशंकर तिवारी की भी उल्टी गिनती शुरू हो गई है. सीबीआई की छापेमारी के बाद शहर में सोमवार को इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा.
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद 22 अप्रैल 2017 को पुलिस ने हरिशंकर तिवारी के 'तिवारीहाता' नाम से मशहूर उनके सुमेर सागर स्थित बंगले पर छापेमारी की थी. इसके बाद पुलिस ने वहां से 6 कर्मचारियों को एक मामले में हिरासत में भी लिया था. तत्कालीन एसपी सिटी हेमराज मीणा की अगुवाई में 5 थानों की पुलिस ने बसपा सरकार के पूर्व मंत्री के घर छापेमारी की थी. लगभग आधे घंटे चली इस छापेमारी में 6 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी. वहीं एक को अवैध हथियार रखने के आरोप में जेल भेजा गया था.
पुलिस की छापेमारी की कार्रवाई के दौरान हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी ने पुलिस से सर्च वारंट मांगा था. मगर पुलिस के पास कोई कागजात नहीं थे. यही वजह थी कि पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा था. इसे हरिशंकर तिवारी ने मुद्दा बनाकर सड़क पर प्रदर्शन किया था.
चिल्लूपार विधानसभा से बसपा विधायक विनय शंकर तिवारी से जुड़ी फर्म गंगोत्री इंटरप्राइजेज के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान गोरखपुर में गंगोत्री देवी फर्म के कई स्थानों पर भी पूरी तरीके से सन्नाटा पसरा रहा. वहीं गोरखपुर के सुमित सागर स्थित हरिशंकर तिवारी के आवास पर भी इक्का-दुक्का लोग ही नजर आए.
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