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मनीष गुप्‍ता हत्याकांड: सीबीआई की टीम ने वारदात की जगह का निरीक्षण कर दोस्तों से पूछताछ की

कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्‍ता की होटल में संदिग्‍ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में गोरखपुर में सीबीआई ने डेरा डाल रखा है. सीबीआई की दो सदस्‍यीय टीम को मनीष के दोस्त चंदन सैनी ने घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी.

cbi questions friends over manish gupta murder case in gorakhpur
cbi questions friends over manish gupta murder case in gorakhpur

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Published : Nov 15, 2021, 3:29 PM IST

गोरखपुर: रामगढ़ताल थानाक्षेत्र के होटल कृष्‍णा पैलेस में 27 सितंबर को रात 12 बजे के बाद कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्‍ता की मौत हो गई थी. मामले की जांच सीबीआई की टीम कर रही है. अब आरोपियों को सुनवाई होने तक लखनऊ की बजाय तिहाड़ जेल में रहना होगा. इसके अलावा 17 को न्‍यायिक हिरासत की अवधि पूरी होते ही सीबीआई सभी छह आरोपियों को अपनी कस्‍टडी में भी ले लेगी. इस मामले में सीबीआई के दो अधिकारी गुरुवार से ही गोरखपुर के एनेक्‍सी भवन में डेरा डाले हुए हैं. अधिकारियों ने शुक्रवार को ही मनीष के परिचितों को बुलाकर लंबी पूछताछ की थी.

जानकारी देते कारोबारी मनीष गुप्‍ता के दोस्त चंदन
इस मामले में सीबीआई के दोनों अधिकारियों ने एक बार फिर मनीष गुप्‍ता के परिचितों को पूछताछ के लिए बुलाया. लेकिन, इस बार पूछताछ ज्‍यादा लंबी चली. अधिकारियों ने मृत मनीष गुप्‍ता के दोस्‍त प्रदीप के परिचित गोरखपुर के रहने वाले चंदन सैनी से ढाई घंटे से भी अधिक समय तक पूछताछ की. चंदन ने सिलसिलेवार अधिकारियों को घटनाक्रम के बारे में बताया. उन्‍होंने बताया कि बीआरडी मेडिकल कालेज में चिकित्‍सकों ने उनके सामने ही गले पर हाथ रखकर चेक कर बता दिया था कि मनीष की मौत हो चुकी है. इसके बाद उन लोगों ने शोर मचाना शुरू किया. चंदन ने बताया कि आधिकारियों ने उनसे पूछा कि वे मनीष को कैसे जानते थे और उन्‍होंने उन लोगों को गोरखपुर क्‍यों बुलाया था. चंदन ने अधिकारियों को बताया कि वे मनीष के साथ आए प्रदीप के दोस्‍त हैं.

चंदन ने बताया कि उन लोगों को गोरखपुर घुमाने के लिए बुलाया था. सीबीआई के अधिकारियों ने घटना के दिन चंदन के साथ रहे उनके चाचा राणा प्रताप चंद से भी दो घंटे तक पूछताछ की. इसके बाद धनंजय से भी दो घंटे तक अधिकारियों ने पूछताछ की. इसके अलावा दो अन्‍य साथ के लोगों से भी अधिकारी पूछताछ किए.

चंदन ने बताया कि अधिकारियों के पूछने पर उन्‍होंने बताया कि उप निरीक्षक अक्षय मिश्रा ने उन्‍हें फोन किया. उन्‍हें मनीष को चोट लगने और नाक से ब्‍लड आने की बात पता चली. इसके बाद शक होने पर जब वे बात किए तो उन्‍हें किसी अनहोनी की आशंका हुई. वो जैतपुर पहुंचे थे. इसके बाद उन्‍होंने 112 नंबर पर पुलिस को काल किया. वे वापस गांव जाने की बजाय होटल की ओर लौटे. इस दौरान होटल से मनीष को पुलिसवाले कहीं अस्‍पताल लेकर गए थे.

वे मानसी हास्पिटल पहुंचे. वो दूसरी ब्रांच थी. तब तक होटल से जानकारी मिली कि उन्‍हें बीआरडी लेकर गए हैं. इसके बाद मनीष को बीआरडी में चिकित्‍सकों ने मृत घोषित कर दिया था. इसके बाद उन्‍होंने शोर मचाना शुरू किया. बीआरडी में म‍ेडिकल कालेज में लाइट जाने और बाडी के बारे में पूछा. मुख्‍य आरोपी जेएन सिंह के बारे में कुछ नहीं पूछा गया.

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गोरखपुर के रामगढ़ताल थानाक्षेत्र के होटल कृष्‍णा पैलेस होटल में मनीष गुप्‍ता की 27 सितंबर की रात को मौत हो गई थी. मनीष, उसके दोस्‍त हरबीर और प्रदीप के कमरा नंबर 512 में रामगढ़ताल थाना की पुलिस दबिश देने के लिए पहुंची. आरोप है कि इंस्‍पेक्‍टर जेएन सिंह, चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा, उप निरीक्षक विजय यादव और राहुल दुबे, मुख्‍य आरक्षी कमलेश यादव और आरक्षी प्रशांत ने दबिश के दौरान पीट-पीट कर मनीष की हत्‍या कर दी. इस मामले में कानपुर के मृत कारोबारी मनीष गुप्‍ता की पत्‍नी मीनाक्षी की मांग पर सीबीआई को केस ट्रांसफर कर दिया गया है. सीबीआई कानपुर एसआईटी की जांच के बाद अब अपने स्‍तर से जांच और पूछताछ कर रही है.

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