गोरखपुर: रामगढ़ताल थानाक्षेत्र के होटल कृष्णा पैलेस में 27 सितंबर को रात 12 बजे के बाद कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत हो गई थी. मामले की जांच सीबीआई की टीम कर रही है. अब आरोपियों को सुनवाई होने तक लखनऊ की बजाय तिहाड़ जेल में रहना होगा. इसके अलावा 17 को न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी होते ही सीबीआई सभी छह आरोपियों को अपनी कस्टडी में भी ले लेगी. इस मामले में सीबीआई के दो अधिकारी गुरुवार से ही गोरखपुर के एनेक्सी भवन में डेरा डाले हुए हैं. अधिकारियों ने शुक्रवार को ही मनीष के परिचितों को बुलाकर लंबी पूछताछ की थी.
चंदन ने बताया कि उन लोगों को गोरखपुर घुमाने के लिए बुलाया था. सीबीआई के अधिकारियों ने घटना के दिन चंदन के साथ रहे उनके चाचा राणा प्रताप चंद से भी दो घंटे तक पूछताछ की. इसके बाद धनंजय से भी दो घंटे तक अधिकारियों ने पूछताछ की. इसके अलावा दो अन्य साथ के लोगों से भी अधिकारी पूछताछ किए.
चंदन ने बताया कि अधिकारियों के पूछने पर उन्होंने बताया कि उप निरीक्षक अक्षय मिश्रा ने उन्हें फोन किया. उन्हें मनीष को चोट लगने और नाक से ब्लड आने की बात पता चली. इसके बाद शक होने पर जब वे बात किए तो उन्हें किसी अनहोनी की आशंका हुई. वो जैतपुर पहुंचे थे. इसके बाद उन्होंने 112 नंबर पर पुलिस को काल किया. वे वापस गांव जाने की बजाय होटल की ओर लौटे. इस दौरान होटल से मनीष को पुलिसवाले कहीं अस्पताल लेकर गए थे.
वे मानसी हास्पिटल पहुंचे. वो दूसरी ब्रांच थी. तब तक होटल से जानकारी मिली कि उन्हें बीआरडी लेकर गए हैं. इसके बाद मनीष को बीआरडी में चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया था. इसके बाद उन्होंने शोर मचाना शुरू किया. बीआरडी में मेडिकल कालेज में लाइट जाने और बाडी के बारे में पूछा. मुख्य आरोपी जेएन सिंह के बारे में कुछ नहीं पूछा गया.