गोरखपुर:मदन मोहन मालवीय टेक्निकल यूनिवर्सिटी (MMMTU) के पूर्व कुलसचिव डॉ. जिउत सिंह, प्रोफेसर डॉ. हरिशचंद्र व लेखा विभाग के कर्मचारी मनोज बालोनी पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज हुआ है.सीजीएम कोर्ट के आदेश पर खोराबार पुलिस ने रविवार की देर रात केस दर्ज किया. जांच के एसएसआई संजय सिंह कर रहे हैं.
दरअसल, झंगहा के मोतीराम अड्डा निवासी वीरेंद्र चौधरी यूनिवर्सिटी में जूनियर वर्कशाप मैनेजर के पद पर कार्यरत थे और परिवार समेत परिसर के सरकारी आवास में रहते थे. बीते 3 फरवरी 2021 को वीरेंद्र ने खोराबार के बहरामपुर के पास ट्रेन से कटकर खुदकुशी कर ली थी. उसी समय अन्य कर्मचारियों व वीरेंद्र के परिजनों ने यूनिवर्सिटी के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए हंगामा किया था. लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया था. जिसके बाद 21 सितंबर 2021 को वीरेंद्र की पत्नी मैनावती ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर केस दर्ज करने की गुहार लगाई थी.
कोर्ट को दिए प्रार्थना पत्र व एफआईआर में दर्ज तहरीर में मैनावती ने बताया कि उनके पति वीरेंद्र को 14 मार्च 2018 को परिसर के उद्धान व पेड़ आदि के रखरखाव की जिम्मेदारी दी गई थी. वर्ष 2020 में उनके पति को परिसर के 465 पेड़ों को काटने व उनके नीलामी का काम सौंपा गया. जिसमें उनकी मदद चौकीदार व माली ने भी की. नीलामी का पैसा जिम्मेदार अधिकारी के पास जमा कर दिया गया और एक-एक पेड़ की सूची भी दे दी गई. आरोप है कि एमएमएमयूटी के तत्कालीन कुलसचिव और वर्तमान में वहीं पर कार्यरत डॉ. जिउत सिंह, प्रोफेसर हरिशचंद्र व लेखा विभाग के मनोज बालनी ने पति वीरेंद्र को बुलाकर गबन का आरोप लगाया और जांच की बात कही. साथ ही कहा कि जांच से बचना है तो घूस बालनी के पास दे दो.
मैनावती ने आरोप लगाया कि उनके पति ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की लेकिन कुछ नहीं हुआ. बाद में उनके पति 25 जनवरी 2021 को चिकित्सीय अवकाश पर चले गए. अवकाश खत्म होने के बाद जब वह ड्यूटी आए तो भी उक्त लोग उनपर दबाव बनाने लगे. जिससे वीरेंद्र मानसिक रूप से प्रताडि़त हुए और ट्रेन के आगे जाकर खुदकुशी कर ली. इंस्पेक्टर खोराबार कल्यान सिंह सागर ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज कर विवेचना की जा रही है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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