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गोरखपुर: बीजेपी सांसद पर डकैती का मुकदमा, विरोधी पक्ष पर भी FIR - कमलेश पासवान पर मुकदमा दर्ज

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में बीजेपी सांसद कमलेश पासवान के खिलाफ डकैती का मुकदमा दर्ज कराया गया है. यह मुकदमा पैनेशिया अस्पताल के मालिकाना हक को लेकर हुए विवाद में दर्ज कराया गया है. कमलेश पासवान बांसगांव से बीजेपी सांसद हैं.

case filed against kamlesh paswan
बीजेपी सांसद कमलेश पासवान पर दर्ज हुआ डकैती का मुकदमा.

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Published : Jun 26, 2020, 4:44 PM IST

गोरखपुर: शहर के पैनेशिया अस्पताल में मालिकाना हक को लेकर हुए विवाद में भाजपा के बांसगांव से सांसद कमलेश पासवान के खिलाफ कैंट थाने में डकैती का मुकदमा दर्ज हुआ है. इसके साथ ही आरोपी पक्ष के ऊपर भी हरिजन उत्पीड़न एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. हालांकि इस मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद न तो पुलिस के आलाधिकारी कुछ बोल रहे हैं और न ही सांसद और दूसरा पक्ष. मामला हाई-फाई होने की वजह से इसको लेकर पुलिस महकमे और भाजपा संगठन में नीचे से ऊपर तक माहौल गर्म दिख रहा है.

बीजेपी सांसद पर दर्ज हुआ मुकदमा.

क्या है पूरा मामला
22 जून को हुए विवाद में सांसद कमलेश पासवान पैनेशिया अस्पताल के निदेशक मंडल के सदस्य डॉ. प्रमोद सिंह और अन्य लोगों के साथ मालिकाना हक को लेकर दूसरे पक्ष से बात करने गए थे. इसी दौरान विवाद हो गया, जिसके बाद दूसरे पक्ष ने कैंट थाने में तहरीर दी. तहरीर के आधार पर सांसद समेत 40 से 50 अज्ञात लोगों के विरुद्ध डकैती और आपराधिक बल प्रयोग करने सहित संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.

दूसरे पक्ष पर भी दर्ज हुआ मुकदमा
सांसद कमलेश पासवान की तहरीर पर दूसरे पक्ष के 8 लोगों के खिलाफ नामजद और 40 से 50 लोगों के खिलाफ बलवा, मारपीट और दलित उत्पीड़न की धाराओं में अभियोग पंजीकृत कराया गया है. कमलेश पासवान पिछले 11 वर्षों से बांसगांव के सांसद हैं. उन्होंने घटना के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उनकी राजनीतिक छवि खराब करने के लिए गलत तरीके से उन्हें कुछ लोग बदनाम करने की कोशिश करते रहते हैं.

पैनेशिया अस्पताल.

पैसों को लेकर बढ़ा विवाद
भाजपा सांसद ने कहा, 'जहां तक पैनेसिया अस्पताल की बात है, उसमें हिस्सेदार डॉ. प्रमोद सिंह और शेयर होल्डर अनिल सिंह का कुल मिलाकर 65 प्रतिशत शेयर होल्डिंग है. डॉ प्रमोद सिंह, जो कि इस शहर के टॉप सर्जन में से एक हैं, मैं उनको पिछले 15 वर्षों से व्यक्तिगत तौर पर जानता हूं. जब से यह पैनेशिया के डायरेक्टर बने, तब से तन, मन, धन हर तरह से सबसे सहयोग लेकर हॉस्पिटल कैसे चले, इस पर प्रयासरत रहे. जब हॉस्पिटल चलने लगा तो विजय पाण्डेय, रामनिवास गोविंद आदि लोगों ने पैसों को लेकर विवाद करना शुरू कर दिया.

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फिलहाल हॉस्पिटल में मालिकाना हक को लेकर दोनों पक्ष मैदान में हैं. कमलेश पासवान अपनी ही सरकार में खुद को बेबस महसूस कर रहे हैं. वहीं कैमरे पर उन्होंने इस बात को स्वीकारते हुए कहा कि पुलिस मेरी जरा भी नहीं सुन रही है. अब ऐसे में कौन सही है और कौन गलत, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

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