गोरखपुरःजिले में शहर से लेकर गांव तक सूदखोरों का जाल फैलता जा रहा है. जिसमें फंसकर एक तरफ लोगों की जिंदगियां तबाह हो रही हैं, तो वहीं दूसरी तरफ लोग आत्महत्या करने पर भी मजबूर हैं. बीते महीनों में ऐसे कई हादसे सामने आए हैं. जिसमें सूदखोरों से परेशान होकर लोगों ने जहां अपनी जान दे दी. इनमें कुछ घटनाएं ऐसी थी, जिसमें पूरा परिवार आत्महत्या करने को मजबूर हो गया. पति- पत्नी बेटी बेटे सभी की जान एक साथ चली गई. ऐसी घटनाए सामने आने के बाद भी पुलिस अनजान बनी रहती है. न तो सूदखोरों की तलाश की जा रही है और न ही कोई कार्रवाई.
4 फरवरी 2023 को ऐसी ही एक घटना में परिवार के 4 लोगों की मौत ने एक बार फिर सूदखोरी जैसे मामले को गर्म कर दिया है. जिले में दर्जनों घटनाएं ऐसी हैं. जिसमें मृतकों की पूर्व की शिकायतों को पुलिस द्वारा गंभीरता से लेने पर उनकी जान बच सकती थी. सीएम योगी के जनता दरबार में भी ऐसी बातें पहुंचती रही हैं. सीएम के स्तर से जांच कार्रवाई का निर्देश भी होते है. फिर भी घटनाओं का क्रम लगातार जारी है.
गोला थाना क्षेत्रःदरअसल गोला थाना क्षेत्र के देवकली गांव में 4 फरवरी को इंद्र कुमार मौर्या ने सूदखोरों से परेशान होकर अपनी पत्नी और दो बच्चों समेत खुद को मौत के घाट उतार दिया. इसी तरह 2019 में देवकली गांव के ही संत कुमार मौर्य ने सूदखोरों से तंग आकर सीएम योगी के जनता दर्शन में शिकायत की थी. जिसपर कोई कार्रवाई नहीं होने पर उसने आत्महत्या का प्रयास किया था. सूचना पर पहुंची पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई का आश्वासन दिया था. लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई और आखिरकार वह गांव छोड़कर चला गया. लेकिन कहां किसी को कुछ नहीं पता. 4 फरवरी को उसी के भाई इंद्र कुमार मौर्या ने परिवार सहित जान दे दिया.
गोला थाना क्षेत्र का देवकली गांव सूदखोरी के बड़े जाल में है. यहां पर 6 फरवरी 2018 को ऋतुराज शर्मा ने भी सूदखोरों से तंग आकर पहले अपनी दो बेटियों के साथ आत्महत्या कर ली. उसका परिवार के अन्य सदस्यों ने गांव छोड़ दिया. फिर भी परिवार के लोग कभी-कभी सूदखोरों द्वारा परेशान किए जाते हैं.