गोरखपुर : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की वजह से जिले के हर गांव में सरगर्मी काफी बढ़ चुकी है. लेकिन 34 गांव ऐसे हैं जहां के प्रत्याशी प्रधान का चुनाव जीतने के लिए हर हथकंडा अपनाने को तैयार हैं. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि इन गांवों के खाते में विकास के लिए पहले से ही एक-दो नहीं बल्कि 10 से 15 करोड़ रुपये का बजट पड़ा हुआ है. यह रकम इतनी बड़ी है कि किसी भी सांसद-विधायक को एक साल में उतनी निधि नहीं मिलती. 10 ग्राम पंचायतें तो ऐसी हैं जिन्हें 10 करोड़ आवंटित हो चुका है, तो कुछ को पहली किश्त के रूप में 50 लाख. यह परफारमेंस ग्रांट मिला है, वह भी चुनाव की घोषणा से महज एक से डेढ़ माह पूर्व. केंद्र सरकार की तरफ से जारी हुआ यह बजट पंचायत का कार्यकाल खत्म होने के बाद खत्म नहीं होगा. चुना जाने वाला प्रधान शेष रकम को खर्च करेगा, इसलिए इन गांवों में चुनाव लड़ने और जीतने को लेकर पूरी जोर आजमाइश चल रही है.
इन ग्राम पंचायतों को आवंटित है करोड़ों का बजट
जिन ग्राम पंचायतों में यह धनराशि आवंटित हुई है, उनमें सिसवा उर्फ सिउआ को 6 करोड़ 27 लाख, नारायणपुर को 8 करोड़ 8 लाख, भोपा बाजार को 7 करोड़ 80 लाख, उरुवा बाजार को तीन करोड़ एक लाख, जंगल दीर्घन सिंह को चार करोड़ छह लाख, सियर को 4 करोड़ 45 लाख, भीमापार को चार करोड़ 3 लाख, रघुनाथपुर को 8 करोड़ 62 लाख, कौड़ीराम को पांच करोड़ 45 लाख, छितौना को तीन करोड़ 53 लाख, जयपालपुर को चार करोड़ 80 लाख, साखडाड पांडेय को 6 करोड़ 34 लाख, पाली को तीन करोड़ 19 लाख, मुस्तफाबाद को 3 करोड़ 69 लाख, नेवास को 8 करोड़ 92 लाख और नारंगपट्टी को तीन करोड़ 57 लाख मिले हैं. यही बजट इन गांवों में चुनावी सरगर्मी को बढ़ाए हुए हैं.