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प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत केंद्र है गोरखपुर का 'बौद्ध संग्रहालय' - राजकीय बौद्ध संग्रहालय गोरखपुर

गोरखपुर का बौद्ध संग्रहालय प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत केंद्र है. यह रामगढ़ ताल और सर्किट हाउस के बगल में स्थापित है, जहां हजारों की संख्या में लोग घूमने-टहलने आते हैं. यहां आने के बाद जहां लोग पुरातात्विक महत्व को जानेंगे, वहीं अब उन्हें पर्यावरण संरक्षण और पौधरोपण के महत्व को भी जानने का अवसर प्राप्त होगा.

story on buddhist museum of gorakhpur
गोरखपुर का राजकीय बौद्ध संग्रहालय.

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Published : Jul 24, 2020, 8:24 PM IST

गोरखपुर: कोरोना संक्रमण काल में गोरखपुर का बौद्ध संग्रहालय अपने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पूरी तरह से सज-धज कर तैयार हो गया है. करीब 3 करोड़ 11 लाख रुपये से इस संग्रहालय परिसर की खूबसूरती को बड़े ही ढंग से सजाया गया है. यहां पर मिट्टी के टीले पर भगवान बुद्ध की परिनिर्वाण की मुद्रा में बनाई गई आकृति पर्यटकों को बरबस ही आकर्षित करेगी, जो आने वाले समय में घास की आकृति में नजर आएगी.

बौद्ध संग्रहालय में लगाए गए औषधीय और खुशबूदार फूल भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होगा. यहां आने के बाद जहां लोग पुरातात्विक महत्व को जानेंगे, वहीं उन्हें पर्यावरण संरक्षण और पौधरोपण के महत्व को भी जानने का अवसर प्राप्त होगा.

परिसर में लगाए गए पौधे.

तीन करोड़ 11 लाख रुपये का बजट जारी
बौद्ध संग्रहालय पाषाण काल से लेकर मध्यकाल तक की पुरातत्विक चीजों से पर्यटकों को ज्ञान कराएगा तो फूलदार पौधे, भव्य प्रवेश द्वार और यहां की लाइटिंग इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा रहे हैं. पिछले वित्तीय वर्ष में बौद्ध संग्रहालय के कायाकल्प के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने 3 करोड़ 11 लाख रुपये का बजट जारी किया था, जिसके बाद इसकी सुंदरता को निखारने का कार्य शुरू हुआ. इसकी निगरानी यहां के उपनिदेशक डॉ. मनोज कुमार गौतम खुद कर रहे थे.

पर्यटकों को आकर्षित कर रहा बौद्ध संग्रहालय.

डॉ. मनोज कुमार गौतम ने बताया कि परिसर के अंदर खूबसूरती के साथ कोरोना संक्रमण को देखते हुए औषधीय पौधों को भी लगाया गया है, जिसमें लौंग, इलायची, तेजपत्ता, रुद्राक्ष, आंवला, चंदन और गिलोय के पौधे शामिल हैं. विभिन्न प्रकार के खुशबूदार पौधे भी यहां अपनी सुगंध फैलाएंगे.

महात्मा बुद्ध की प्रतिमा.

परिसर में बनाया गया ड्रेनेज सिस्टम
उपनिदेशक डॉ. मनोज कुमार गौतम ने कहा कि परिसर में ड्रेनेज सिस्टम बनाया गया है, जिससे यहां जलभराव की समस्या न उत्पन्न हो और हर समय यह दर्शकों, पर्यटकों के लिए उपलब्ध हो. यह जरूर है कि कोरोना काल में यहां आवाजाही कम हो रही है, लेकिन आने वाले समय में यह स्थान लोगों के लिए शांति और आनंद देने का बड़ा केंद्र होगा.

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उपनिदेशक ने कहा कि विकास के केंद्र में पर्यटन स्थलों का विशेष महत्व होता है. गोरखपुर मौजूदा समय में पर्यटन का बड़ा केंद्र बन रहा है. बौद्ध संग्रहालय, रामगढ़ ताल और सर्किट हाउस के बगल में स्थापित है, जहां हजारों की संख्या में लोग घूमने-टहलने आते हैं. ऐसे में उन्हें यह स्थान कई तरह से लाभ पहुंचाएगा.

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