गोरखपुर: पिपराइच थाना क्षेत्र की एक युवती ने स्थानीय थाने की पुलिस और बीजेपी के एक विधायक पर गैंगरेप के मामले में एफआईआर बदलवाने और दबाव में उसके परिजनों पर मुकदमा लिखे जाने का आरोप लगाया है. युवती का आरोप है कि गैंगरेप जैसे मामले में पुलिस ने एक हफ्ते बाद उस पर दबाव बनाते हुए छेड़खानी का एफआईआर लिखवाया है. इतना ही नहीं, पुलिस ने आरोपी की तरफ से उसके परिजनों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कर दिया है.
पीड़िता ने बताया कि 22 दिसंबर को दलित परिवार ने मुकदमा लिखवाया था. जिसमें मुकदमे की वादिनी और पीड़िता की मां ने बताया कि 15 दिसंबर की रात लगभग एक से 2 बजे के बीच उसके गांव के प्रदीप सिंह और उसके मामा का लड़का अश्वनी सिंह उर्फ विपुल सिंह उसके घर में घुस आया था और उसकी बेटी के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया. बेटी ने जब शोर मचाया तो घर के अन्य सदस्य और पड़ोसी मौके पर पहुंचे और अश्वनी सिंह व प्रदीप सिंह को पकड़ लिया. इस दौरान प्रदीप सिंह मौके का फायदा उठा कर भाग निकला. वहीं, मुहल्ले के लोगों ने अश्वनी सिंह को घर में ही बांध दिया और 112 नम्बर पर फोन करके पुलिस को बुलाया गया. मौके पर पहुंची पुलिस अश्वनी सिंह को अपने साथ ले गई और उसके रास्ते में ले जाकर छोड़ दिया. अगले दिन मुकदमा दर्ज करने के लिए पीड़ित परिवार को पुलिस ने थाने पर बुलाया. जब पीड़ित परिवार थाने पर गया तो थाने के दरोगा ओम प्रकाश यादव और अशोक सिंह ने पीड़ित परिवार को धमकाते हुए थाने से भगा दिया.