गोरखपुर: गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. यात्रियों की संख्या में भी खूब इजाफा हो रहा है. जिससे ट्रेनों के आने में देरी और ठहराव में परेशानी बढ़ रही है. इसी समस्या का निजात रेलवे प्रबंधन गोरखपुर कैंट स्टेशन को करीब 25 करोड़ की लागत से सेटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित कर रहा है. स्टेशन का निर्माण कार्य अंतिम दौर में है. इससे बिहार, बंगाल, बनारस रूट की ट्रेनों का ठहराव सेटेलाइट स्टेशन पर होगा.
ट्रेनें यहीं से बनकर चलेंगी जिससे यात्रियों को कई तरह की असुविधा से बचत होगी. इस स्टेशन को मई 2023 तक सेटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित हो जाना था. लेकिन, अब इसमें करीब 6 माह और लगेगा. सेटेलाइट स्टेशन के रूप में विकसित होने के बाद गोरखपुर से बनकर छपरा, वाराणसी, नरकटियागंज की अधिकतर इंटरसिटी, पैसेंजर, मेमू ट्रेन यहीं से चलाई जाएंगी. इससे गोरखपुर जंक्शन पर लोड कम होगा और ट्रेनों की गति भी बढ़ेगी. कैंट सेटलाइट स्टेशन पर पांच रेल लाइनें तैयार हो रही हैं.
इसके अलावा नए प्लेटफार्म, स्टेशन भवन, विश्रामालय के अलावा दो फुट ओवर ब्रिज बन रहा है. 90 प्रतिशतत कार्य पूर्ण हो चुका है. कोच वाटरिंग सिस्टम के निर्माण और प्लेटफार्म को दुरुस्त करने की प्रक्रिया चल रही है. गोरखपुर जंक्शन पर दस प्लेटफॉर्म बन जाने के बाद भी, ट्रेनों को जगह नहीं मिल पा रही है. जिससे ट्रेनें विलंब होती हैं. हर रोज गोरखपुर से करीब 200 ट्रेनें चलती हैं. जिसमें 150 यात्री ट्रेनें शामिल है.