गोरखपुर:प्रदेश में होने वाले 2022 (UP Assembly Election 2022) के चुनाव में गोरखपुर, पूर्वांचल का सबसे बड़ा राजनीतिक केंद्र बना हुआ है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जनपद होने और भारतीय जनता पार्टी के सफलता की दृष्टि से इस क्षेत्र में राजनीति उठापटक भी काफी तेज हो रही है. इस बीच जो सबसे बड़ा खेल हो रहा है वह ब्राह्मण समाज और उसके नेताओं को अपनी-अपनी पार्टी से जोड़ने को लेकर चल रहा है. जिसमें बाजी मारने की फिराक में समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों जुटी हुई हैं. लेकिन जो तस्वीर उभर कर सामने आ रही है, उसमें समाजवादी पार्टी ब्राह्मणों के बड़े चेहरों को अपने साथ जोड़ने में कामयाब हुई है. जिसमें पूर्वांचल के सबसे बड़े बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी का पूरा कुनबा सपा में शामिल हो चुका है. इसमें उनके पूर्व सांसद पुत्र कुशल तिवारी, भांजे विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय और विधायक पुत्र विनय शंकर तिवारी शामिल हैं.
इसके साथ ही टैक्स बार एसोसिएशन के महामंत्री मारुति पांडेय भी अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी का दामन थाम चुके हैं. इन ब्राह्मण नेताओं के सपा में आने के साथ निश्चित रूप से गोरखपुर क्षेत्र के साथ पूर्वांचल के 14 जिलों में ब्राह्मणों के बीच एक बड़ा संदेश गया है. हरिशंकर तिवारी खेमे से योगी आदित्यनाथ का मनमुटाव और टकराव की जानकारी भी सभी को है.
ऐसे में चुनावी मौसम में सपा के लिए यह ब्राह्मण परिवार बड़ा लाभ पहुंचा सकता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अधिवक्ता समाज भी काफी नाराज है. उनके 5 साल के कार्यकाल में गोरखपुर के अधिवक्ताओं को उम्मीद के मुताबिक कुछ हासिल नहीं हुआ. योगी के वादे धरे रह गए और उनके ऊपर ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप भी लगता गया.
इसी बीच टैक्स बार एसोसिएशन के महामंत्री मारुति पांडेय ने भी सपा के प्रदेश कार्यालय पर हरिशंकर तिवारी के परिवार के पार्टी में शामिल होने वाले दिन ही प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम की अगुवाई में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करके अखिलेश यादव के हाथों को मजबूत करने का एलान कर दिया.
इसे भी पढ़ें - ईटीवी भारत से बोले जेपी नड्डा- उत्तराखंड में फिर बनेगी भाजपा की सरकार