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Ram Ramaiya Program: गायक अनूप जलोटा ने कहा- भजन मनोरंजन का साधन नहीं

भजन गायक और पद्मश्री पुरस्कार विजेता अनूप जलोटा ने गोरखपुर में राम रमैया कार्यक्रम (Ram Ramaiya Program) का शुभारंभ किया. ये प्रोग्राम देश के 21 शहरों से होगा और कश्मीर में समाप्त होगा.

गायक अनूप जलोटा
गायक अनूप जलोटा

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Published : Feb 20, 2023, 11:00 AM IST

गोरखपुर में राम रमैया कार्यक्रम का भजन गायक अनूप जलोटा ने किया शुभारंभ

गोरखपुरः भजन गायक और पद्मश्री पुरस्कार विजेता अनूप जलोटा गीत संगीत और भजन के माध्यम से देश में सांस्कृतिक चेतना जगाने निकले हैं. उन्होंने रविवार को गोरखपुर में 'राम रमैया' कार्यक्रम का शुभारंभ किया. गोरखपुर के बाबा गंभीर नाथ प्रेक्षागृह में अनूप जलोटा ने संगीत भजन प्रेमियों के बीच अपनी प्रस्तुति दी. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि राम रमैया के माध्यम से लोगों को योग विद्या, योगासन, प्राणायाम सिखाएं. इस प्रकार की नृत्य कला सिखाएं, जो देवलोक में ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए की जाती हैं. जलोटा ने कहा कि भजन गायक को केवल मनोरंजन का साधन न समझा जाए. यह ईश्वर की प्राप्ति का सुगम मार्ग है. भजन के माध्यम से हम अध्यात्म और ईश्वर के अनुभव की बात करते हैं.

भजन सम्राट जलोटा ने कहा कि राम रमैया कार्यक्रम देश के अलग-अलग 21 शहरों में होगा. रविवार को गोरखपुर पहुंचे भजन सम्राट अनूप जलोटा का भव्य स्वागत किया गया. कार्यक्रम में अनूप जलोटा ने अपनी बेहद ही लोकप्रिय भजन 'ऐसी लागी लगन, रा हो गई मगन' और 'राम रमैया गाए जा प्रभु के गीत सुनाया जाए' से भजन की शुरुआत की. इसके बाद उन्होंने अपने कई मशहूर और लोकप्रिय भजनों की प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. गोरखपुर से इस आयोजन की शुरुआत करने के बारे में बताते हुए कहा कि, उनके मन में यह था कि इस आयोजन को एक ऐसे शहर से आरंभ करें, जहां कोई एक ऐसा व्यक्ति रहता हो जो हमारे देश को पूरी तरह से अध्यात्म से जोड़ने में समर्पित हो और वह हैं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.

वहीं, देश को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के अपने पूर्व के बयान पर उन्होंने कहा कि वह अपने बयान पर कायम है. भारत पहले से हिंदू राष्ट्र है. बस घोषित होना बाकी है. हिंदू राष्ट्र होने का मतलब यह नहीं कि अन्य धर्मों का सम्मान नहीं किया जाएगा. सनातनी परंपरा हर धर्म का सम्मान करने की बात करती है. उन्होंने कहा कि भक्ति और भजन में लोग जितना डूब जाएंगे. वह ईश्वर के उतने ही करीब पहुंचेंगे और जब ईश्वर से सानिध्य होगा, तो निश्चित रूप से न तो समाज में राग द्वेष फैलेगा और न ही राजनीतिक विचारधारा लोगों पर हावी हो पाएगी. लोग खुद सोचने और समझने में सक्षम होंगे कि राष्ट्र और समाज के लिए उन्हें क्या करना चाहिए. यह सब तभी संभव होगा, जब नकारात्मकता को छोड़ इंसान भक्ति भजन के साथ ईश्वर के प्रति अपनी श्रद्धा समर्पित करेगा.

गौरतलब है कि जलोटा ने इससे पहले रामचरितमानस विवाद को लेकर कहा था कि आलोचना करने वालों की सोच नकारात्मक है. राजनीतिक फायदे के लिए ऐसे कदम उठाए जाते हैं. रामचरितमानस सैकड़ों वर्ष पहले लिखी गयी, लेकिन आज तक उस पर कोई सवाल नहीं उठाया गया. मूढ लोग ही इस तरह की बात करते हैं.

राम रमैया कार्यक्रम में देश के विभिन्न शहरों से आए गायकों और स्थानीय कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुति दी. ओंकारम संस्था की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम से लोगों के बीच सांस्कृतिक चेतना जगाने का प्रयास किया गया. अनूप जलोटा का साथ दिया निहारिका सिन्हा, तेजस्विनी इंगले, मुक्ता चटर्जी, प्रवीण सिंह, पवन सिंह, डॉ आशीष मिश्रा और ओमकार जैसे राष्ट्रीय कलाकारों ने कार्यक्रम में प्रस्तुति दी.

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