गोरखपुरःकुदरत और किस्मत की मार से परेशान, छत विहीन लोग जहां अपने सिर पर छत होने के लिए सरकार की योजनाओं का लाभ पाने के लिए प्रयास करते हैं. वहीं शहर में 'आसरा आवास योजना' के तहत तीन साल से चयन के बाद भी लाभार्थियों को छत नहीं मिल रही है. जबकि तीन मंजिला बिल्डिंग इस आवास योजना के तहत महानगर के महेसरा ताल के पास बनकर तैयार है. लेकिन योजना के निर्माण में कुछ कमियों और बंदरबांट की वजह से यह अभी भी आधी अधूरी पड़ी है. इसके लाभार्थी जैसी स्थिति है वैसी स्थिति में ही आवास को पाने के लिए शपथ पत्र और अंगूठा लगाकर इसमें रहने की अपनी सहमति दे रहे हैं.
बता दें, कि अधिकारी पिछले 3 सालों से न तो इस योजना को पूर्ण करने में गंभीर हो पाए हैं और न ही मौजूदा दौर में इस पर कोई विशेष गंभीरता नजर आ रही है. यही वजह है कि इसके लाभार्थी इस तपती गर्मी में जहां परेशान हैं, वहीं आने वाली बारिश में इनके लिए सिर छुपाना मुश्किल होने वाला है. बता दें कि 'आसरा आवास योजना' अखिलेश यादव सरकार की योजना थी. गोरखपुर के महेसरा ताल के पास जिन चयनित 85 लाभार्थियों के लिए तीन मंजिला बिल्डिंग बनाई जानी थी, उसके लिए पूरा बजट साढ़े पांच करोड़ आवंटित भी हो गया था. 2017 में अखिलेश यादव की सरकार चली गई और प्राप्त बजट से इस बिल्डिंग का निर्माण पूरा किया गया. इसकी कार्यदाई संस्था कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीएनडीएस) थी, जब इसमें लाभार्थियों को कब्जा देने की बात आई तो सीएनडीएस ने यह कहते हुए हाथ खड़े कर दिए कि अभी बिल्डिंग में कई इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्य करने बाकी हैं. इसके लिए अतिरिक्त बजट की जरूरत है. बिना उसके बिल्डिंग को हैंडोवर ने किया जा सकता. इस तरह की डिमांड पिछले करीब 3 साल से है, जो पूरा नहीं हों रहा है.
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