गोरखपुर: वैश्विक महामारी में आयुष मंत्रालय द्वारा जारी की गई आयुष किट लोगों के लिए संजीवनी साबित हो रही है. जिला प्रशासन इस किट के सहारे कोरोना से दो-दो हाथ करने की तैयारियों में जुटा हुआ है, बड़े पैमाने पर किट को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. कलेक्टर परिसर में स्थापित इंटीग्रेटेड कोविड-19 कंट्रोल रूम मैं स्थापित आयुष विभाग में लोग लगातार संपर्क भी कर रहे हैं.
संजीवनी साबित हो रही है आयुष मंत्रालय की किट 44 राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में निशुल्क उपलब्ध है किट शासन के निर्देश पर स्थानीय स्तर पर तैयार की गई निगरानी समिति के सदस्यों द्वारा टीम गठित कर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में होम आइसोलेशन में रह रहे संक्रमितों तक आयुष मंत्रालय द्वारा जारी आयुष किट को मुहैया कराया जा रहा है. यह किट संक्रमितों के परिजनों और सामान्य लोगों को भी दी जा रही है. वहीं, यह किट जनपद में स्थापित 44 राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में निशुल्क उपलब्ध है. क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी डॉक्टर प्रकाश चंद्र के नेतृत्व में कई कर्मचारी उनके कार्यालय में प्रतिदिन लगभग एक हजार आयुष किट तैयार करने में लगे हुए हैं. इनका वितरण विभागीय कर्मचारियों के साथ ही निगरानी समिति और डॉक्टर की सलाह पर किया जा रहा है.
प्रतिदिन तैयार हो रही 1000 किट
आयुष किट में इम्यूनिटी बढ़ाने और बुखार से निजात पाने के लिए संश्मनी बटी, बुखार और गले में खराश होने पर आयुष 64, नाक जाम होने पर अणु तेल, खांसी आने पर अगस्थरितकी रसायन और इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए आयुष क्वाथ चूर्ण दिया जा रहा है. इस संबंध में क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी के कार्यालय पर तैनात कनिष्ठ सहायक संतोष मिश्र ने बताया कि आयुष मंत्रालय के निर्देश पर वह अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर निरंतर आयुष किट तैयार करने मैं लगे हुए हैं. लगातार जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों द्वारा किट की डिमांड है. ऐसे में प्रतिदिन लगभग 1000 किट तैयार की जा रही है.
मिल रहा अच्छा रिस्पॉन्स
इंटीग्रेटेड कोविड-19 कंट्रोल रूम में तैनात चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक कुमार खरवार ने बताया कि प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में संक्रमितों और उनके परिजनों की कॉल आती है. सभी इस वैश्विक महामारी से निजात की दवा मांगते हैं. ऐसे में हमलोग संक्रमितों और उनके परिजनों तक आयुष किट पहुंचाने का कार्य करते हैं. यह दवा इस महामारी में संजीवनी साबित हो रही है. जो लोग इसका सेवन कर रहे हैं, उन्होंने इसके अच्छे रिस्पॉन्स के बारे में बताया है.
संसाधन उपलब्ध कराए जाने की मांग
राजकीय यूनानी फार्मासिस्ट संघ के प्रांतीय अध्यक्ष विद्याधर पाठक ने बताया कि कोविड-19 के पहले से राजकीय यूनानी फार्मासिस्ट संघ के बैनर तले फार्मासिस्ट अपने संसाधनों के माध्यम से जरूरतमंद लोगों तक आयुष किट पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं. ऐसे में उनकी शासन-प्रशासन से यह मांग है कि फार्मासिस्ट की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उन्हें भी वह तमाम संसाधन उपलब्ध कराए जाएं, जिससे वह वंचित हैं, क्योंकि वे इस वैश्विक महामारी में कदम से कदम मिलाकर कार्य कर रहे हैं और उनका भी हक बनता है.
डीएम ने भी की तारीफ
जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन ने बताया कि आयुष मंत्रालय समय-समय पर विभिन्न प्रकार की औषधियों के माध्यम से लोगों का इलाज करता है. इसी क्रम में इस वैश्विक महामारी में भी आयुष मंत्रालय ने आयुष फिट जारी की है. इसे हम स्थानीय स्तर पर बड़ी संख्या में संक्रमित और उनके परिवार वालों में निरंतर निशुल्क बंटवा रहे हैं. इसका रिजल्ट काफी अच्छा आ रहा है. इसे इस्तेमाल करने वाले लोग बताते हैं कि किसी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं है. निरंतर इस्तेमाल से उन्होंने वैश्विक महामारी कोरोनावायरस को हराया है. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रहने वाले लोग आयुर्वेद की दवाइयों पर ही विश्वास करते हैं और उनके इस विश्वास को बनाए रखने के लिए अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी आयुष किट का बड़े पैमाने पर वितरण किया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें:सफल अभिनेत्रियों में शुमार होना चाहती हैं प्रतिष्ठा ठाकुर, ये है सपना