गोरखपुर:जिले में आए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने पत्रकार वार्ता में कृषि कानून की तारीफ की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को उनकी फसल की अच्छी कीमत देने के लिए कृषि कानून में अच्छे प्रावधान किए हैं. अब इस कानून से किसानों को देश के किसी भी बाजार में अपने उत्पाद बेचने के लिए छूट मिल गई है. किसानों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए अब छूट होगी. कोई रोक-टोक नहीं होगी. किसान अपनी फसलों को जिसे चाहे उसे अपने मनचाहे दामों पर बेच सकता है.
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि विपक्षी दलों द्वारा किसानों को गुमराह किया जा रहा है. किसानों को चाहिए कि उनकी बातों पर ध्यान न दें. पहले से जो राज्यों में मंडी समितियां और बाजार काम कर रही थीं, वह काम करती रहेंगी. उन्होंने कहा इस कानून के बाद खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी अच्छा काम हो सकता है. रवि की फसल का फायदा भी किसानों को आने वाले समय में मिलेगा. उन्होंने कहा कि इस कृषि कानून से किसानों के जीवन में व्यापक बदलाव आएगा. उनको कानूनी बंधनों से मुक्त कर दिया गया है.
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही देश के किसानों को कानून के नाम पर अनेक बंधनों से जकड़ रखा था. आज तक किसानों के हित में कांग्रेस ने कोई फैसला नहीं लिया और जब मोदी सरकार में कृषि सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं तो कांग्रेस किसानों को गुमराह कर रही है. उन्होंने कहा कि 2013 में खुद राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी के शासन वाले 12 राज्य अपने यहां फल और सब्जियों को एपीएमसी एक्ट से बाहर करेंगे और अब कांग्रेस पार्टी ही एपीएमसी एक्ट में बदलाव का विरोध कर रही है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी 2019 लोकसभा चुनाव के अपने घोषणा पत्र में कृषि सुधार की बात कही है, लेकिन वर्तमान में वह कृषि सुधारों का विरोध कर रही है.
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि कांग्रेस और दूसरे विरोधी दल के नेता किसानों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने किसानों के सशक्तिकरण के लिए कभी कोई रिफॉर्म्स नहीं किया. उनके पास न ही इसके लिए सोच थी और न ही इच्छाशक्ति. किसानों को गुमराह करना कांग्रेस की पुरानी आदत रही है. उन्होंने कहा कि कृषि कानून से किसानों का मुनाफा बढ़ेगा और अन्नदाता सशक्त होंगे.
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि अब किसान कानूनी बंधनों से आजाद होंगे. उनके पास मंडी में जाकर लाइसेंसी व्यापारियों को ही अपनी उपज बेचने की विवशता नहीं होगी. अब किसान अपनी मर्जी का मालिक होगा. उन्होंने कहा कि इस कानून के माध्यम से कृषि क्षेत्र में संपूर्ण आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाया जा सकेगा. किसान मजबूत होगा और निवेश को बढ़ावा मिलेगा. इससे उत्पाद, उत्पाद सीमा, आवाजाही, वितरण और आपूर्ति की आजादी मिलेगी.