गोरखपुरःअगले साल यानी 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में बीजेपी पूर्ण बहुमत से भी ऊपर सीट लाकर जीतने की बात कह रही है. लेकिन गोरखपुर दीवानी कचहरी के अधिवक्ताओं की राय इससे इतर है. उनका कहना है कि बीजेपी की 2022 की राह इतनी आसान नहीं, जितना उनके नेता समझते हैं. ईटीवी से खास बातचीत में अधिवक्ताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार हो या फिर प्रदेश की योगी सरकार दोनों महंगाई के मामले में बुरी तरह से फेल हुए हैं.
जो सरकार 100 दिनों में महंगाई को नियंत्रित करने की बात कह रही थी. उसके साढ़े चार साल के कार्यकाल में समाज का हर वर्ग बुरी तरह से महंगाई से बेहाल है. सिर्फ राष्ट्रवाद के नाम पर वोट मांगने से काम नहीं चलने वाला है. लोगों को भूखमरी के रास्ते पर खड़ा कर विकासवाद की ढोल पीटने से बीजेपी सत्ता में वापसी का ख्वाब छोड़ दे. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता महंगाई से बुरी तरह त्रस्त है. अधिवक्ताओं ने कहा कि योगी सरकार लोगों को अपने पैरों पर खड़ा करने में फेल रही है. यही वजह है कि वह चुनावी वर्ष में लैपटॉप, टेबलेट और अन्य तरह की लोक लुभावनी चीजें खैरात में बांट रही है. जिसका असर बेतहाशा महंगाई का बढ़ना है.
अधिवक्ताओं ने कहा कि योगी सरकार ने अधिवक्ता प्रोटेक्शन बिल लागू करने की बात कही थी, जो आज तक पूरा नहीं हुआ. जबकि प्रदेश की कचहरियों में घुसकर घटनाएं हो रही हैं. ऐसे में अधिवक्ताओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी बनती है. सरकार अपने वादे पर खरा उतरे अभी भी समय है. अधिवक्ताओं को शस्त्र लाइसेंस भी मिले सरकार इसपर भी विचार करे. यही नहीं गोरखपुर के अधिवक्ताओं ने कहा कि योगी सरकार में आने के बाद 50 एकड़ में नई कचहरी बनाने की घोषणा किए थे. वो भी आजतक अधूरा रह गया है. फिर कैसे मान लिया जाए कि उन्होंने जो कहा वो पूरा हो गया है. यही नहीं बीजेपी से पूर्व की सरकारों ने युवा अधिवक्ताओं को 3 हजार मासिक भत्ता देने की बात किया था. जबकि योगी ने उसे बढ़ाकर 5 हजार करने की बात कही थी. वो भी आजतक पूरा नहीं हुआ है. फिर किस आधार पर भारतीय जनता पार्टी के साथ अधिवक्ता समाज खड़ा हो. अधिवक्ताओं ने कहा कि उनका भी परिवार है. उन्हें भी समाज का एक जागरूक नागरिक माना जाता है. ऐसे में जब उन्हें उनका अधिकार नहीं मिलेगा और महंगाई से वो भी दो-चार होते रहेंगे, तो इसका असर आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा ही.