गोरखपुरः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बीच आपदा में अवसर तलाश रहे प्राइवेट अस्पताल संचालकों के खिलाफ जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है. मरीजों के परिजनों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए अब जिला प्रशासन कार्रवाई सुनिश्चित कर रहा है. जिला प्रशासन ने मेडिकल रोड स्थित बद्रिका हॉस्पिटल के संचालक पर मुकदमा दर्ज किया है. वहीं जेल बाईपास रोड स्थित आरोही हॉस्पिटल में भी परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए मरीज की मौत की बात कही है.
निजी अस्पताल की मनमानी पर कसा शिकंजा
शाहपुर थाना क्षेत्र के जेल बाईपास रोड पर आरोही हॉस्पिटल में पिछले दिनों भर्ती नीलम श्रीवास्तव की मौत के मामले में परिजनों ने अस्पताल प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है. वहीं अस्पताल प्रशासन ने अपनी लापरवाही न मानते हुए अस्पताल के आसपास रहने वाले लोगों पर शाहपुर थाने में केस दर्ज कराया है. दिए गए प्रार्थना पत्र में अस्पताल प्रबंधन द्वारा लिखा गया है कि पड़ोस में रहने वाले लोगों द्वारा अस्पताल का जनरेटर बंद कर देने से आईसीयू में भर्ती 2 मरीजों की मौत हो गई थी. वहीं दूसरी तरफ मृतक नीलम श्रीवास्तव के मामा ससुर अधिवक्ता सुदेश मोहन श्रीवास्तव ने इसे अस्पताल प्रशासन की चाल बताया है. उन्होंने कहा है कि जनरेटर बंद करने से नहीं हॉस्पिटल की लापरवाही से उनके भांजे की पत्नी की मौत हुई है. अभी उनके भांजे का इलाज चल रहा है, उनके ठीक होने के बाद इस मामले में हर उस जगह शिकायत की जाएगी जहां से न्याय मिल सके.
फरेंदा क्षेत्र स्थित वार्ड नंबर 2 लाला टोला निवासी डॉक्टर अनिल श्रीवास्तव की पत्नी नीलम की 10 मई को जेल बाईपास रोड स्थित आरोही हॉस्पिटल में मौत हो गई थी. परिजनों ने इस मामले में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही बताई थी. लेकिन, अब अस्पताल प्रशासन इसे अस्पताल के पड़ोस में रहने वाले लोगों पर अस्पताल का जनरेटर बंद करने का आरोप लगा रहा है. अस्पताल प्रशासन ने हॉस्पिटल में भर्ती नीलम सहित 2 मरीजों की मौत का हवाला देते हुए पड़ोसियों पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कराया है.
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इससे पहले यादव टोला निवासी उदय प्रताप सिंह ने शिकायत की थी कि कोरोना के इलाज के नाम पर उनसे अवैध धन उगाही की गई थी. जिस पर मंडलायुक्त ने टीम गठित कर जांच करने का निर्देश दिया था. टीम ने शासन के निर्धारित धनराशि से अधिक वसूली और कूट रचित दस्तावेज रखने के आरोप को जांच में सही पाया. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधक सौरभ कुमार और उनके कर्मचारी राजेश जायसवाल के खिलाफ चिलुआताल थाना में मुकदमा दर्ज कराया था.