गोरखपुर: कोरोना वायरस से बचाव और घोषित लॉकडाउन के बीच गोरखपुर में अधूरे पड़े निर्माण कार्यों को पूरा करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. शहर को जोड़ने वाली सभी प्रमुख फोरलेन की सड़कें जो पिछले एक माह से लॉकडाउन की वजह से बनाई नहीं जा रही थीं, उनका निर्माण शुरू हो गया है. चाहे वह गोरखपुर से महाराजगंज को जाने वाली सड़क हो या फिर गोरखपुर से देवरिया होते हुए बिहार की सीमा तक जाने वाली फोर लेन सड़क, हर तरफ निर्माण शुरू हो गया है.
करीब 70 प्रतिशत निर्माण कार्य इन सड़कों का पूरा हो गया था और मानसून सत्र से पहले इन्हें पूर्ण कर लिए जाने का टारगेट भी लोक निर्माण विभाग ने ले रखा था, लेकिन लॉकडाउन ने सब लॉक करके रख दिया था. गोरखपुर से देवरिया तक बनाई जाने वाली फोरलेन सड़क में कई खंडों में अधूरा निर्माण पड़ा हुआ है. इसी सड़क पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और तकनीकी विश्वविद्यालय भी स्थापित है.
साथ ही यह सड़क देवरिया और कुशीनगर को आपस में जोड़ती है. इससे होते हुए बिहार और बंगाल की तरफ लोग यात्रा करते हैं, लेकिन जगह-जगह अधूरा पड़ा निर्माण लोगों के लिए समस्या का कारण बन रहा था. ऊपर से मानसून से पहले इसका बनाया जाना बेहद जरूरी था. नहीं तो बारिश के दौरान दुर्घटना बढ़ जाती. इन सड़कों के किनारे बड़े-बड़े नाले भी बनाए जा रहे हैं वह भी कई खंडों में अधूरे हैं. इनको बरसात से पहले कनेक्ट कर दिया जाना जरूरी है, जिसे देखते हुए निर्माण कार्य में पूरी ताकत झोंक दी गई है.
गोरखपुर में हजारों करोड़ की तमाम परियोजनाएं संचालित हो रही हैं, जिनका निर्माण अधर में है. कुछ को बरसात से पहले हर हाल में पूर्ण कर लेना है, जिसके लिए लॉकडाउन के बीच जारी दिशा-निर्देश के बाद सक्रियता बढ़ाकर अधिकारी काम को पूर्ण करने में जुटे हैं. उन्होंने कहा कि इस दौरान कोरोना महामारी से बचाव के सभी उपायों का पालन किया जायेगा.
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