गोरखपुरः किन्नर अखाड़ा परिषद की महामंडलेश्वर आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा है कि इस जांच से उन्हें न्याय का भरोसा जगा है. हालांकि उन्होंने नरेंद्र गिरि की मौत को बेहद ही दुखद बताया है और मौत की वजहों पर भी शक जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि किन्नर समाज को किसी पहचान की जरूरत नहीं है. इसके लिए अखाड़ा परिषद का गठन किया गया है. जिसने कुंभ के आयोजनों में भी अपनी बढ़-चढ़कर भागीदारी ली है. उन्होंने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि के आशीर्वाद से वो लगातार अपने समाज को मजबूती दिलाने के प्रयास में जुटी है. जिसके क्रम में उनका गोरखपुर आना हुआ है.
इस दौरान उन्होंने नरेंद्र गिरी की आत्मा की शांति के लिए आयोजित कार्यक्रम के दौरान 1 मिनट के मौन का कार्यक्रम भी रखा. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि सत्य को मान्यता की जरूरत नहीं होती. किन्नर समाज अपने कार्य व्यवहार से समाज के अंदर खुद को स्थापित करता है. लेकिन इसको कानूनी मान्यता दिलाने में भी वह 2015 में सफल हुई. उन्होंने कहा कि नरेंद्र गिरी महाराज की क्षति पूरे सनातन समाज की बड़ी क्षति है. उन्होंने कहा कि सनातन परंपरा एक मजबूत परंपरा का आधार है. फिर भी समाज के कुछ लोगों ने इसके ऊपर हमला करने का प्रयास किया. लेकिन अपने मजबूत आधार स्तंभ की वजह से सनातन धर्म तब भी खड़ा था और आज भी खड़ा है. उन्होंने कहा कि इस परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य आदि गुरु शंकराचार्य और उसके उनके स्थापित पीठों से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमें भी अखाड़ा इसीलिए बनाने की ज्यादा जरूरत पड़ी क्योंकि इस्लामिकरण ज्यादा हो रहा था.