गोरखपुर :बिना गुनाह के अगर कोई जेल की सजा काटे तो सोचिए उस पर क्या बीतती होगी. अगर ऐसी सजा को काटने वाले छोटी उम्र के मासूम बच्चे हों तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके मन-मस्तिष्क और भविष्य पर किस तरह का असर पड़ रहा होगा.
मौजूदा समय में गोरखपुर जेल समेत मंडल की कुल 8 जेलों में इस समय 55 बच्चे बिना सजा के अपनी जिंदगी काट रहे हैं. इन बच्चों का गुनाह सिर्फ इतना है कि वह अपनी गुनहगार मां के साथ जेलों में बंद हैं. विभिन्न मामलों में जेल में बंद महिलाओं के यह बच्चे उनके साथ ही रहने को मजबूर हैं क्योंकि उनके पास दूसरा कोई विकल्प नहीं है. फिलहाल इन बच्चों की देखभाल और पढ़ाई का जिम्मा जेल प्रशासन ही उठा रहा है.
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गोरखपुर जेल की बात करें तो यहां आठ बच्चे अपनी मां के साथ रह रहे हैं. इनमें 3 लड़के और पांच लड़कियां हैं. जेल अधीक्षक ओपी कटियार की मानें तो जेल मैन्युअल के अनुसार मां के साथ रहने वाले मासूम बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के साथ खेलकूद के सारे इंतजाम जेल प्रशासन को करना होता हैं. इसे किया भी जा रहा है.