गोरखपुरः कोरोना की महामारी में विभिन्न प्रदेशों को छोड़कर अपने घर जा रहे श्रमिक यात्रियों का सबसे बड़ा सहारा रेलवे बन गया है. पूर्वोत्तर रेलवे ने अब तक 423 ट्रेनों से 5 लाख से ज्यादा श्रमिकों को विभिन्न स्टेशनों और शहरों तक पहुंचाया है. जहां से उन्हें बसों के जरिए उनके घर भेजा गया.
इस पूरी यात्रा में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रेलवे ने निभायी है. इसके लिए यात्रियों ने भी रेलवे का आभार जताया है. वहीं जो श्रमिक अपने घर लौटे हैं, फिलहाल वह अब अपने घर पर ही रहकर रोजगार के साधन तलाशने की बात कर रहे हैं.
पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि 1 मई से पूरे देश में श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही हैं. 12 मई से 15 जोड़ी विशेष ट्रेनों के साथ 200 नई ट्रेनें श्रमिकों को घर पहुंचाने में लगी हुई हैं. अगर पूर्वोत्तर रेलवे की बात करें तो इसमें 24 जोड़ी यानि कि 48 ट्रेनें लगातार पटरियों पर दौड़ रही हैं. इन 24 जोड़ी ट्रेनों में 12 जोड़ी ट्रेन गोरखपुर रेलवे स्टेशन से चल रही रही हैं.
पंकज कुमार ने बताया कि इन तीनों के जरिए गोरखपुर क्षेत्र में अब तक डेढ़ लाख से ऊपर श्रमिक करीब डेढ़ सौ ट्रेनों से आ चुके हैं. जिन्हें रेलवे स्टेशन पर कतार बद्ध करते हुए कोरोना वायरस से बचाव के तरीके तो बताए ही जा रहे हैं. साथ ही उनकी थर्मल स्क्रीनिंग भी की जा रही है. उन्होंने कहा इसके अलावा पूर्वोत्तर रेलवे में अब तक 423 ट्रेन से करीब 5 लाख से ज्यादा श्रमिकों को उनके शहर या नजदीकी स्टेशन तक पहुंचाया गया है.
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वहीं श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के आने का सिलसिला जारी है. गुरुवार को 13 श्रमिक ट्रेनें गोरखपुर पहुंचने वाली हैं. जिसमें तिरुपुर, बोरीवली, पुणे, मिरज, लोकमान्य तिलक टर्मिनल, राजगढ़, सिंधु दुर्ग, सूरत, लुधियाना, कोटा, दिल्ली, देहरादून और उरुली से एक-एक ट्रेन आएंगी. वहीं इस दौरान ट्रेनों की लेटलतीफी भी जारी है. लगभग सभी गाड़ियां विलंब से चल रही हैं.
मुंबई और लुधियाना से चली ट्रेन 50-50 घंटे में गोरखपुर पहुंच रही हैं. इस दौरान यात्रियों को कई तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है, लेकिन वह जैसे ही गोरखपुर पहुंच रहे हैं. उनकी सारी परेशानी दूर हो जा रही है. वह सारे गम भूल जा रहे हैं.