गोरखपुर :आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में रेलवे ने अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़े स्तर पर परिवर्तन की प्लानिंग की है. रेलवे अफसरों का दावा है कि 2023 में ही पूर्वोत्तर रेलवे के 48 स्टेशनों की सूरत जहां बदल जाएगी. इन स्टेशनों पर भविष्य की आवश्यकताओं के अनुकूल सुविधाओं का विकास किया जाएगा. तरक्की के लिए सारे विकास कार्य अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत कराए जाएंगे.
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे के तीनों मंडलों के कुल 48 स्टेशनों को नए सिरे से डिवेलप किया जाएगा. स्टेशनों की तकनीकी और वित्तीय उपयोगिता के निर्धारण के लिए कंसलटेंट रखे जाएंगे. कंसलटेंट ही मास्टर प्लानिंग के साथ आर्किटेक्चरल रिपोर्ट देंगे. रिपोर्ट के आधार पर इन स्टेशनों की सूरत और सिस्टम बदलने की प्रक्रिया शुरू होगी. पंकज कुमार सिंह ने बताया कि बदलाव के लिए वर्ष 2023 की डेडलाइन तय की गई है.
पीआरओ ने बताया कि रेलवे बोर्ड के निर्देश पर लखनऊ, वाराणसी और इज्जत नगर मंडल में नए स्टेशनों के चयन प्रस्ताव तैयार कर लिया है. रेलवे बोर्ड की मुहर लगते ही काम शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही गोरखपुर सहित 6 स्टेशनों का पुनर्विकास भी शुरू हो गया है. सुविधा संपन्न बनने वाले स्टेशनों में गोमतीनगर, गोंडा, लखनऊ, छपरा और काठगोदाम स्टेशन भी शामिल हैं. इन स्टेशनों को एयरपोर्ट की तर्ज पर स्मार्ट बनाने की योजना है. डिवेलपमेंट के बाद स्टेशन परिसर का ढांचा भी बदल जाएगा. इसके बाद स्टेशन परिसर में अनावश्यक भीड़ नहीं दिखेगी. इसके लिए रेलवे की गति शक्ति यूनिट को जिम्मेदारी सौंपी गई है.
जिन 48 स्टेशनों को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विकसित किया जाएगा, उनमें लखनऊ मंडल से बस्ती, खलीलाबाद, सिद्धार्थनगर, मगहर, तुलसीपुर, बलरामपुर ,लखीमपुर, बढ़नी, स्वामीनारायण छपिया, रामघाट,बहराइच, गोला गोकरण नाथ, मैलानी, सीतापुर, बादशाहनगर, ऐशबाग, लखनऊ सिटी डालीगंज शामिल हैं. इस लिस्ट में वाराणसी मंडल का बनारस, वाराणसी सिटी, मऊ, सिवान, बलिया, देवरिया सदर, आजमगढ़, बेल्थरा रोड, गाजीपुर सिटी, सलेमपुर, कप्तानगंज, भटनी, मैरवा, सुरेमनपुर और थावें भी शामिल है. इसके साथ ही इज्जत नगर, फर्रुखाबाद, कासगंज, बरेली सिटी, कन्नौज, काशीपुर, पीलीभीत, लाल कुआं, बदायूं, बहेड़ी, हाथरस सिटी, गुरु सहायगंज, किच्छा, कायमगंज और टनकपुर का स्वरूप भी 2023 में बदला- बदला नजर आएगा.
पढ़ें : रेलवे की बेशकीमती जमीनों पर बन गए कच्चे-पक्के घर