गोरखपुर : पालतू हों या आवारा, हमलावर कुत्तों की खबर आए दिन सुर्खियां बन रही हैं. कभी नोएडा के बड़े-बड़े अपार्टमेंट की लिफ्ट में कुत्ते बच्चों पर अटैक करते हुए नजर आए तो कभी यूपी के अस्पतालों में शव नोचने की खबर लोगों को हैरानी में डाल गई. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में भी कुत्तों का आतंक है. गोरखपुर जिला अस्पताल के आंकड़ों को देखें तो यह पता चलता है कि जिले में रोजाना औसतन 121 लोगों को कुत्ते (Dog bite Cases in Gorakhpur) काट रहे हैं. यहां के नगर निगम, जिला पंचायत और नगर पंचायत के पास स्ट्रीट डॉग को पकड़ने के कोई इंतजाम नहीं है.
गोरखपुर में नवंबर महीने में ही 17 दिन में करीब 2065 लोगों को स्ट्रीट डॉग ने अपना शिकार बनाया. रोजाना गोरखपुर जिला अस्पताल में नए और पुराने मिलाकर कुल 170 से लेकर 220 लोगों को वैक्सीन लगाई जाती है. जिला अस्पताल का प्रबंधन भी डॉग बाइट यानी कुत्तों के काटने के मामले से परेशान है. जिला अस्पताल के एसआईसी डॉक्टर राजेंद्र ठाकुर कहते हैं कि कुत्ता काटने के बाद रेबीज के वैक्सीन लगाई जाती है. यह वैक्सीन सिर्फ जिला अस्पताल में उपलब्ध है. अगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भी इसके वैक्सीन लगाए जाते तो जिला अस्पताल का लोड कम होता. उनका कहना है कि स्ट्रीट डॉग बाइट के मामले पहले के मुकाबले बढ़े हैं. इस कारण कभी-कभी वैक्सीन की शॉर्टेज महसूस होती है. हालांकि ऐसी स्थिति में मुख्यालय जानकारी भेजकर रेबीज की वैक्सीन समय से मंगा ली जाती है.