गोरखपुर:यूपी पुलिस की नाकामी एक बार फिर सामने आई है. रविवार को अपहृत पांचवीं कक्षा के छात्र बलराम की अपहरणकर्ताओं ने हत्या कर दी. जांच के दौरान पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को हिरासत में लिया था. हिरासत में लिये गये एक संदिग्ध की निशानदेही पर पुलिस ने अपहृत बच्चे का शव धूसड़ जंगल से बरामद किया.
दरअसल, रविवार को पिपराइच थाना क्षेत्र के मिश्रौलिया टोला से पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र बलराम गुप्त का अपहरण कर एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गयी थी, लेकिन 24 घंटे के अंदर ही अपहरणकर्ताओं ने बच्चे को मार दिया था. इस मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी थी. धूसड़ जंगल से एक मुर्गा कारोबारी, मोबाइल सिम बेचने वाले एक दुकानदार और एक प्रॉपर्टी डीलर को हिरासत में लेकर पुलिस मामले को सुलझाने में लगी थी. लेकिन इससे पहले ही अपहरणकर्ताओं ने बच्चे की हत्या कर दी.
छात्र बलराम के पिता महाजन गुप्त मिश्रौलिया टोला में अपने घर में ही किराने की दुकान चलाते हैं. साथ ही जमीन के कारोबार से भी जुड़े हैं. उनका बेटा बलराम रविवार को दिन में 12 बजे के आसपास खाना खाने के बाद टी शर्ट और पैंट पहनकर दोस्तों के साथ खेलने निकला. इसके बाद वह घर नहीं लौटा. शाम 5 बजे महाजन गुप्त के मोबाइल पर अनजान नंबर से फोन कॉल आया. दूसरी तरफ से बोलने वाले (अपहरणकर्ता) ने बताया कि बलराम का अपहरण कर लिया गया है. उसे छुड़ाने के लिए एक करोड़ रुपये का इंतजाम कर लो. अगले फोन में रकम कब और कहां पहुंचानी है यह बताया जाएगा. इतना कहने के बाद उसने (अपहरणकर्ता) फोन काट दिया.
महाजन ने उस नंबर पर फोन किया तो मोबाइल स्विच ऑफ मिला, लेकिन थोड़ी देर बाद 10-10 मिनट के अंतरातल पर उसी नंबर से दो बार फिर फोनकॉल आया और दोनों बार बलराम को अगवा कर लिए जाने की बात दोहराते हुए एक करोड़ रुपये का इंतजाम करने की बात भी दोहराई गई. महाजन को बेटे के अगवा होने की बात पर भरोसा नहीं हो रहा था. इसलिए उन्होंने बलराम की पहले गांव में तलाशी की. काफी तलाश करने के बाद भी जब उसका कहीं पता नहीं चला तो लोगों को बेटे को अगवा किए जाने को लेकर आए फोन और एक करोड़ रुपये फिरौती मांगे जाने के बारे में बताया. लोगों के कहने पर शाम को 112 नंबर पर फोन कर उन्होंने पुलिस को घटना की सूचना दी.