उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

गोरखपुर: सीएम सिटी में कोरोना की बढ़त जारी, आंकड़ा पहुंचा 1103 - new cases of coronavirus

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. गोरखपुर में अब तक कोरोना के 1103 मरीज मिले हैं. वहीं रविवार को एक दिन में ही कोरोना के 112 मरीज मिले हैं.

कोरोना के ऩए मामले
विवार को एक दिन में ही कोरोना के 112 मरीज मिले हैं.

By

Published : Jul 20, 2020, 10:31 AM IST

गोरखपुर:कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लगातार पहल और दिशा-निर्देश के बाद, प्रशासन की लाख कोशिश के बाद भी इस महामारी के आंकड़े में गिरावट नहीं आ रही है. सप्ताह में 55 घंटे का लॉकडाउन भी कोई असर नहीं दिखा पा रहा है. शहर के तीन-तीन थाना क्षेत्र पूरी तरह लॉकडाउन किए जा रहे हैं. फिर भी आंकड़ा प्रतिदिन पॉजिटिव केसों का 100 के पार निकल रहा है. रविवार 19 जुलाई का दिन अब तक के सबसे बड़े आंकड़े का रहा. एक दिन में 112 लोग संक्रमित मिले हैं. इसके बाद यह आंकड़ा 1103 का हो गया है. वहीं मरने वालों की संख्या 23 हो चुकी है.

26 अप्रैल को जिले में पहला कोरोना संक्रमित होने का सामने आया था. वही अब संक्रमित लोगों की संख्या से स्वास्थ्य विभाग भी परेशान हो चुका है. पहले से निर्मित लेवल 1, 2 और 3 स्तर के अस्पताल फुल हो चुके हैं. आनन-फानन में नए अस्पताल बनाने की कोशिश शुरू हो गई है. गोरखपुर की 40 वर्षीय नीतू पाल को मस्तिष्क की बीमारी थी. परिजन उन्हें केजीएमयू लखनऊ में 11 जुलाई को भर्ती कराए थे, जहां रविवार रात उन्होंने अंतिम सांस ली. वह कोरोना संक्रमित पाई गई थीं. इसके अलावा हाटा कस्बे में एक ही परिवार के 8 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है. डीएम कार्यालय का एक कर्मचारी भी संक्रमित पाया गया है. वहीं एसडीएम सदर का कार्यालय भी कोरोना की जद में है और 5 कर्मचारी संक्रमित निकले हैं.

कोरोना संक्रमण की स्थिति यह है कि शहर के 17 मोहल्लों में संक्रमण काफी तेजी से फैला है. डीएम, एसडीएम, सदर तहसील, रेलवे समेत जिला अस्पताल भी संक्रमित हो गया है. वहीं गोरखपुर के कमिश्नर जयंत नारलीकर ने मरीजों की बढ़ती संख्या को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर बढ़ाए जाने का निर्देश दिया है. सीएमओ ने उन प्राइवेट अस्पतालों पर शिकंजा कसा है, जिनके यहां संक्रमित मरीज आने के बाद सीधे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिये जाते थे. अब प्राइवेट अस्पतालों को इसके लिए इजाजत लेनी पड़ेगी. हालत यह है कि शुरुआती दौर से ही शहर का जो 100 बेड का टीबी अस्पताल कोरोना के संक्रमित मरीजों के लिए क्वारेंटाइन वार्ड का काम करता था, अब उसे भी लेवल वन का अस्पताल बनाकर मरीजों को भर्ती करने के लिए तैयार किया गया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details