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नगर निकाय चुनावः भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर छलके आंसू, पत्नी का निर्दलीय कराया नामांकन - भाजपा जिला संगठन गोंडा

गोंडा नगर पालिका चुनाव में भाजपा से बागी संध्या निर्मल श्रीवास्तव ने नामांकन पत्र दाखिल कर दिया. निर्मल श्रीवास्तव ने रो-रोकर बताया कि जिला संगठन ने प्रदेश नेतृत्व को गुमराह कर उनके नाम को ही चुनाव लड़ने के लिए आगे नहीं भेजा.

निर्मल श्रीवास्तव
बागी संध्या निर्मल श्रीवास्तव ने

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Published : Apr 17, 2023, 5:05 PM IST

Updated : Apr 17, 2023, 6:03 PM IST

भाजपा नेता निर्मल श्रीवास्तव बोले.

गोंडा: भाजपा से नगर पालिका अध्यक्ष पद का टिकट कटने से संध्या श्रीवास्तव पत्नी निर्मल श्रीवास्तव ने सोमवार को अपना नामांकन पत्र निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में दाखिल कर दिया. नामांकन दाखिल करने के बाद रूपेश कुमार श्रीवास्तव के आंखों से आंसू छलक उठे. उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय संगठन ने प्रदेश नेतृत्व को किया गुमराह किया है. उनके नाम को ही भाजपा नेतृत्व को नहीं भेजा गया. बता दें कि भाजपा ने गोंडा नगर पालिका से महिला सीट होने की वजह से लक्ष्मी राय चंदानी को टिकट दिया है.



उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में टिकट न मिलने से कई नाराज प्रत्याशी बागी बन चुके हैं. वहीं, गोंडा नगर पालिका में भारतीय जनता पार्टी की अध्यक्ष प्रत्याशी की टिकट की लाइन में संध्या निर्मल श्रीवास्तव भी थी.


रूपेश श्रीवास्तव उर्फ निर्मल श्रीवास्तव ने मीडिया से बात करते हुए रोने लगे. उन्होंने भाजपा जिला संगठन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके साथ अन्याय हुआ है. भाजपा जिला संगठन ने उनका नाम तक प्रदेश नेतृत्व को नहीं भेजा गया. उन्होंने बताया कि उनके साथ यह पहली बार नहीं हुआ है. इससे पहले भी एक बार छल किया गया था. उस समय भी भाजपा का दामन छोड़कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था. उस चुनाव में वह भारी मतों से विजयी हुए थे. इसलिए वह अपनी पत्नी का निर्दलीय के रूप में नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है.

निर्मल श्रीवास्तव ने बताया कि 2006 के निर्दलीय चुनाव में गोंडा की जनता ने उन्हें 70 प्रतिशत मत दिया था. जबकि बाकी के 30 प्रतिशत मतों में सभी दलों को वोट मिला था. 2012 के चुनाव में भी वह निर्दलीय चुनाव लड़कर 18 हजार मत पाकर चेयरमैन बने थे. साथ ही 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी द्वारा उनका टिकट काट दिया गया. इसके बाद उनकी मां ने निर्दलीय चुनाव लड़ा. जिसमें उनकी मां हार गई. इसके बाद भी उन्होंने 5 साल तक भाजपा में जुड़कर जनता की सेवा की. इसके बावजूद भी 2023 चुनाव में उनका टिकट काट दिया गया. उन्होंने कहा कि जिला संगठन ने प्रदेश पैनल में ही उनके नाम को नहीं भेजा. इस अन्याय का विरोध करने के लिए अपनी पत्नी का निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है.

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Last Updated : Apr 17, 2023, 6:03 PM IST

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