गोंडा: जब स्वास्थ्य केंद्रों पर कोविड-19 की जांच के लिए लंबी-लंबी लाइनें लग रही थीं, तब स्वास्थ्य विभाग में एंटीजन किट की कालाबाजारी का खेल भी चल रहा था. समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी की मिलीभगत से कोरोना जांच किट प्राइवेट लैब को बेची जा रही थी. करीब 10 दिन पहले सिटी मैजिस्ट्रेट ने चेकिंग के दौरान एक शख्स के पास से एंटीजन किट के 80 डब्बे बरामद किए थे. किट की कुल कीमत 20 लाख रुपये आंकी गई. गुरुवार रात जांच पड़ताल के बाद इस खेल में शामिल 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इस गैंग के दो लोग अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
प्राइवेट लैब को बेचते थे कोरोना की एंटीजन जांच किट, 3 गिरफ्तार - एंटीजन किट की ब्लैक मार्केटिंग
कोरोना के दौर में ऐसे लोगों की कमी नहीं जो बुरे समय में अपने लिए कमाई का मौका तलाश रहे हैं. ऐसे ही 3 लोगों को गोंडा पुलिस ने गुरुवार रात को गिरफ्तार किया. ये सभी आरोपी सरकारी हॉस्पिटल में कोविड जांच करने वाली एंटीजन किट चुराकर प्राइवेट लैब को बेच रहे थे. ये किट सरकारी अस्पतालों और समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से ली गई थीं.
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अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज ने बताया कि कोतवाली नगर पुलिस ने एंटीजन किट की हेरा-फेरी और राजकीय धन का गबन करने के 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायित हिरासत में भेज दिया गया है. आरोपी जांच किट को अपने घरों में रखते थे. मौका मिलने पर प्राइवेट लैब को बेचते थे. जांच में यह सामने आया कि कई समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारी और प्राइवेट लैब के कर्मचारी इस गोरखधंधे में शामिल हैं. कई लोग जांच के घेरे में है. जल्द ही अन्य लोगों की गिरफ्तारी की जाएगी.