गोण्डा: बेसिक शिक्षा विभाग में असाध्य रोगों का प्रमाण पत्र दिखाकर बड़ी संख्या में शिक्षकों ने अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के आवेदन पर दिया है. इन आवेदनों में फर्जीवाड़े के आशंका को देखते हुए शासन ने इसकी जांच के लिए जनपद स्तर पर सीएमओ की अध्यक्षता में मेडिकल बोर्ड गठित करने का आदेश दिया है. जिन शिक्षकों ने अपने अंतर्जनपदीय तबादले के आवेदन के साथ किसी गम्भीर बीमारी का प्रमाण पत्र लगाया है अब उन्हें अब मेडिकल बोर्ड से इसका सत्यापन करना अनिवार्य होगा. मेडिकल बोर्ड के सत्यापन के बाद ही शिक्षकों का अंतर्जनपदीय स्थानांतरण का आवेदन स्वीकृत होगा.
तबादले के लिए फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट लगाकर शिक्षकों ने किया आवेदन 400 शिक्षकों ने अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए दिया आवेदनबेसिक शिक्षा विभाग में गैर जनपद से जिले में तैनात करीब 3000 शिक्षकों में से 400 शिक्षकों ने अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन किया है. इसके लिए अध्यापकों द्वारा विभिन्न असाध्य रोगों और असहाय होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया है. इतने बड़े पैमाने पर गम्भीर बीमारी से पीड़ित शिक्षकों का आवेदन पत्र आने के बाद विभाग सकते में आ गया है. खुद विभाग के जिम्मेदार इन असाध्य रोगों के प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा होने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं. इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने सीएमओ की अध्यक्षता में गठित मेडिकल बोर्ड के समक्ष ऐसे अधयापक, जिन्होंने 30 जनवरी से 1 फरवरी के बीच आवेदन किया है. वह बोर्ड के समक्ष उपस्थित होकर असाध्य और गंभीर रोगों के प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेंगे. इसके लिए बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों को अपने-अपने विकासखंडों में असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षकों को अपने स्तर से मेडिकल बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत होने के निर्देश देंगे. ये भी पढ़ें:
गोण्डा: श्रम विभाग ने 9 हजार से ज्यादा श्रमिकों को सामूहिक हितलाभ सर्टिफिकेट किया वितरितइस बाबत बेसिक शिक्षा अधिकारी इंद्रजीत प्रजापति ने बताया कि, जिनको असाध्य रोग है. वे लोग दूसरी बीमारी का फर्जी सर्टिफिकेट लगाए हुए हैं. इसलिए उनके सत्यापन के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है. सीएमओ के अध्यक्षता में बोर्ड जिनको क्वालीफाई करेगा, उन्हीं को स्थानांतरित किया जाएगा. बाकियों के आवेदन निरस्त कर दिए जाएंगे.